घर के सामने छलनी कर दिए गए थे कांग्रेस नेता…मुख्तार अंसारी पर कल आ सकता है बड़ा फैसला

संतोष शर्मा

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Uttar Pradesh News: बांदा जेल में बंद माफिया डॉन और मऊ से पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. उत्तर प्रदेश में बहुचर्चित अवधेश राय हत्याकांड मामले में वाराणसी एमपी/एमएलए कोर्ट 5 जून यानि सोमवार को अपना फैसला सुनाने जा रही है. इस हत्याकांड में बाहुबली मुख्तारी अंसारी आरोपी है. बता दें कि 31 साल पहले 1991 में वाराणसी में कांग्रेस नेता अवधेश राय की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

31 साल पहले हुआ था हत्याकांड

31 साल पहले कांग्रेस नेता अवधेश राय हत्याकांड में वाराणसी की एमपी एमएलए कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी. 1 साल में मुख्तार अंसारी को 4 मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है. लेकिन इन सभी मामलों में अवधेश राय हत्याकांड का मामला सबसे बड़ा और सबसे बड़ी सजा के प्रावधान का है, जिसमें मुख्तार अंसारी समेत नामजद चार आरोपियों की किस्मत का फैसला होगा.

घर के सामने छलनी कर दिए गए थे कांग्रेस नेता

3 अगस्त 1991 को वाराणसी के चेतगंज थाना क्षेत्र के लहुराबीर इलाके में रहने वाले कांग्रेस नेता अवधेश राय अपने भाई अजय राय के साथ घर के बाहर खड़े थे. सुबह का वक्त था, हल्की बारिश हो रही थी. एक मारुति वैन से आए बदमाशों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी. फायरिंग में घायल अवधेश राय को पास के निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई. अवधेश राय के भाई और कांग्रेस विधायक अजय राय कांग्रेस के पूर्व विधायक अजय राय ने इस मामले में चेतगंज थाने में मुख्तार अंसारी, भीम सिंह, कमलेश सिंह, राकेश नाइ के साथ पूर्व एमएलए अब्दुल कलाम पर एफ आई आर दर्ज कराई थी. नामजद किए गए 5 आरोपियों में एक आरोपी अब्दुल कलाम की मौत हो चुकी है.

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मुख्तार अंसारी को होगी सजा?

31 साल 10 महीने और 2 दिन पहले हुए इस हत्याकांड में सोमवार को वाराणसी की एमपी एमएलए कोर्ट अवधेश राय हत्याकांड में अपना फैसला सुनाने जा रही है. मुख्तार अंसारी की तरफ से 41 पन्ने की लिखित बहस दाखिल की गई है. पीड़ित परिवार और वादी मुकदमा अजय राय की तरफ से 36 पेज की लिखित बहस और 12 गवाहों के बयान के बाद वाराणसी की एमपी एमएलए कोर्ट 5 जून को अवधेश राय हत्याकांड में अपना फैसला सुनाएगी. मुख्तार अंसारी को बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या हो या फिर वाराणसी के कोयला व्यापारी नंदकिशोर हत्याकांड उसमें निचली अदालत ने बरी कर दिया है. बीते 9 महीने में मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर के तीन और लखनऊ के जेलर पर हमले के एक मामले में हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच से सजा सुनाई जा चुकी है. यह पांचवां मामला होगा जिस पर मुख्तार अंसारी की किस्मत का फैसला आने जा रहा है.

अवधेश राय हत्याकांड मुख्तार अंसारी और वाराणसी के लोगों के लिए 2 वजह से अहम हो जाता है. पहला वाराणसी में यह पहला मामला होगा. जिसमें मुख्तार अंसारी पर दर्ज हत्या के किसी मामले में निचली अदालत अपना फैसला सुनाने जा रही है. यह पहला मामला होगा जिसमें बिना ओरिजिनल केस डायरी के कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी.

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मुख्तार ने गायब करवा दी केस की ओरिजनल फाइल

दरअसल, अवधेश राय हत्याकांड से जुड़ी इस केस की ओरिजिनल फाइल कोर्ट से गायब हो गई है. कोर्ट से ट्रायल के दौरान ओरिजिनल पत्रावली गायब करने का आरोप मुख्तार अंसारी पर लगा है. इस मामले में बीते साल 20 जुलाई 2022 को वाराणसी के कैंट कोतवाली में कोर्ट चौकी इंचार्ज विनोद कुमार मिश्रा की तरफ से मुख्तार अंसारी पर अपराधिक षड्यंत्र रच अवधेश राय हत्याकांड की पत्रावली गायब करने का केस भी दर्ज कराया गया था.

दरअसल, 3 अगस्त 1991 को दर्ज हुई अवधेश राय हत्याकांड केस की जांच के बाद सुनवाई इलाहाबाद की एमपी एमएलए कोर्ट में शुरू हुई. वाराणसी के एमपी एमएलए से जुड़े मामलों की सुनवाई इलाहाबाद की एमपी-एमएलए कोर्ट में ही होती थी. साल 2020 में जब सरकार ने हर जिले में एमपी एमएलए कोर्ट का गठन किया तो यह केस इलाहाबाद कोर्ट से वापस वाराणसी कोर्ट ट्रांसफर कर दिया गया. केस तो ट्रांसफर हो गया लेकिन केस से जुड़ी ओरिजिनल फाइल नहीं भेजी गई. इस मामले में अभियोजन को सुप्रीम कोर्ट में SLP तक दाखिल करनी पड़ी है. सुप्रीम कोट के आदेश पर डॉक्यूमेंट कॉपी वाराणसी की MP-MLA कोर्ट भेजी गई. जिससे पूरे केस की सुनवाई हुई और सोमवार को केस में फैसला सुनाया जाना है.

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