मंगलवार को बढ़ जाएगी यूपी पुलिस की ताकत, 15 हजार नए सिपाही बनेंगे पुलिस विभाग का हिस्सा
उत्तर प्रदेश पुलिस (Uttar Pradesh Police) की ताकत में इजाफा होने जा रहा है. मंगलवार को लखनऊ समेत 76 जगह पर होने जा रही एक…
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उत्तर प्रदेश पुलिस (Uttar Pradesh Police) की ताकत में इजाफा होने जा रहा है. मंगलवार को लखनऊ समेत 76 जगह पर होने जा रही एक साथ पुलिस की पासिंग आउट परेड के साथ उत्तर प्रदेश पुलिस को 15,000 से अधिक नए जवान सिपाही के तौर पर मिल जाएंगे.
आइए जानते हैं उत्तर प्रदेश पुलिस की ट्रेनिंग का सूरते हाल, कैसे बढ़ेगी उत्तर प्रदेश पुलिस की ताकत, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पुलिस पासिंग आउट परेड में शामिल होंगे.
6 महीने की ट्रेनिंग के बाद बुधवार को उत्तर प्रदेश पुलिस को 15, 487 नए पुलिस कॉन्स्टेबल मिल जाएंगे. प्रदेश के 15 रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर समेत 76 जगहों पर 6 महीने की ट्रेनिंग पूरी करने वाले सिपाहियो की कल पासिंग आउट परेड होगी. लखनऊ में खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ आरटीसी के 399 पुलिस कॉन्स्टेबल की पासिंग आउट परेड की सलामी लेंगे.
आइए नजर डालते हैं उत्तर प्रदेश पुलिस के ट्रेनिंग व्यवस्था पर. उत्तर प्रदेश पुलिस के पास सिपाही और सब इंस्पेक्टर की ट्रेनिंग के लिए 11 ट्रेनिंग स्कूल कॉलेज और 65 रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर हैं. इन ट्रेनिंग सेंटर में मुरादाबाद पुलिस अकैडमी के साथ सुल्तानपुर, जालौन, मेरठ, सीतापुर, चुनार और उन्नाव के पुलिस ट्रेनिंग स्कूल के साथ-साथ 65 जिलों की पुलिस लाइन में रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर संचालित हो रहे हैं.
इन ट्रेनिंग सेंटर पर 20,000 रिक्रूट को ट्रेंड करने की व्यवस्था है. यानी एक बार में 20,000 जवान, सिपाही और सब इंस्पेक्टर की ट्रेनिंग ले सकते हैं. इस 6 माह की ट्रेनिंग के दौरान जवानों को परंपरागत कानून की पढ़ाई और पुलिसिंग के तरीकों के साथ-साथ साइबर क्राइम, फॉरेंसिक साइंस, सोशल मीडिया हैंडलिंग की भी पढ़ाई करवाई गई. ट्रेनिंग के प्रति और बदलते सिलेबस को देखते हुए 2019 में ट्रेनिंग सिलेबस को अपडेट किया गया था जिसमें आपदा प्रबंधन, भीड़ नियंत्रण के साथ-साथ संवाद कला को भी शामिल किया गया.
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इस संबंध में एडीजी ट्रेनिंग संजय एम तरडे का कहना है कि हम बदलते परिवेश के साथ ट्रेनिंग के सिलेबस को अपडेट कर रहे हैं. इससे पहले साल 2019 हुई लगभग 26 हजार सिपाहियों की ट्रेनिंग के लिए केंद्रीय सुरक्षा बल के ट्रेनिंग सेंटर की मदद ली गई थी. लगभग 10,000 सिपाहियों को बीएसएफ और सीआरपीएफ के ट्रेनिंग सेंटर पर 6 महीने की आउटडोर ट्रेनिंग दी गई थी. इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्रीय सुरक्षा बलों को भुगतान भी किया था.
अब अफसरों का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में ट्रेनिंग के लिए बैच नहीं आ रहे. लिहाजा अब हमें केंद्रीय सुरक्षा बल की ट्रेनिंग सेंटर की जरूरत नहीं पड़ती. कॉन्स्टेबल के इस बैच के बाद अगली ट्रेनिंग 9524 सब इंस्पेक्टर की होगी, जो 3 महीने में कागजी खानापूर्ति करने के बाद शुरू होगी.
मंगलवार को होने वाली पासिंग आउट परेड में लखनऊ पुलिस लाइन के कार्यक्रम में खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल होंगे. उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के दूसरे कार्यकाल कि सरकार में यह पहला मौका होगा जब मुख्यमंत्री पुलिस के सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल होंगे.
सरकार ने हाल ही में 100 दिन पूरे किए हैं और सरकार ने दावा किया कि इन 100 दिनों में कानून व्यवस्था एक बड़ी उपलब्धि रही है. ऐसे में उम्मीद है कि सरकार की तरफ से उत्तर प्रदेश पुलिस के कल्याण हेतु कुछ नई योजनाओं का भी ऐलान हो सकता है.
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