लखनऊ से लंदन तक…चंदन गुप्ता के हत्यारों को बचाने के लिए इन देशी-विदेशी NGO ने की खूब फंडिंग

संतोष शर्मा

UP News: कासगंज के चंदन गुप्ता हत्याकांड मामले में पिछले दिनों एनआईए कोर्ट ने 28 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. अब इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है.

ADVERTISEMENT

Chandan Gupta murder case, Chandan Gupta murder case Kasganj, Kasganj, Kasganj News, Chandan Gupta Case, UP News, NIA
Chandan Gupta murder case, Chandan Gupta murder case Kasganj, Kasganj, Kasganj News, Chandan Gupta Case, UP News, NIA
social share
google news

UP News: कासगंज के चंदन गुप्ता हत्याकांड मामले में पिछले दिनों एनआईए कोर्ट ने 28 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. अब इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. बता दें कि चंदन गुप्ता हत्याकांड के आरोपियों को बचाने के लिए विदेशी मदद तक हुई थी. आरोपियों की मदद के लिए विदेशों से खूब फंडिंग की गई थी.

मिली जानकारी के मुताबिक, एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने अपने फैसले में 7 एनजीओ का नाम लिया है. ये सभी एनजीओ देश-विदेश में काम करते हैं. सामने आया है कि अमेरिका के न्यूयॉर्क और ब्रिटेन के लंदन में चल रहे एनजीओ से भी चंदन गुप्ता के आरोपियों को बचान के लिए मदद आई थी. कई विदेशी एनजीओ ने आरोपियों को बचाने के लिए फंडिंग की.  

क्या-क्या हैं एनजीओ के नाम?

बता दें कि अमेरिका से संचालित Alliance for justice and accountability नाम के एनजीओ ने आरोपियों को बचाने के लिए फंडिंग की. इसी के साथ अमेरिका से ही संचालित एनजीओ Indian American Muslim council की तरफ से भी फंडिंग हुई थी. बता दें कि लंदन से संचालित South Asia solidarity Group की तरफ से भी फंडिंग हुई थी.

यह भी पढ़ें...

भारत के भी ये 3 एनजीओ शामिल

विदेशों के साथ-साथ भारत से संचालित हो रहे एनजीओ भी फंडिंग में शामिल थे. मुंबई का एनजीओ, Citizens for justice and Peace, दिल्ली से संचालित एनजीओ People Union for civil liberties और लखनऊ से संचालित एनजीओ Rihai मंच ने आरोपियों की मदद के लिए फेंडिंग की और पैरवी की.

एनआईए कोर्ट ने ये कहा

बता दें कि एनआईए कोर्ट के आदेश की कॉपी भारत सरकार के गृह मंत्रालय के साथ-साथ बार काउंसिल आफ इंडिया को भी भेजी जाएगी. इसी के साथ कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि इन तमाम एजेंसियों की फंडिंग कहां से हो रही है और इनका क्या सामूहिक उद्देश्य है? इसकी जांच होनी चाहिए. कोर्ट ने कहा कि गैर जरूरी तरीके से न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप रोकने के लिए फैसले की कॉपी गृह मंत्रालय और भारत काउंसिल ऑफ इंडिया को भेजी जाएगी.

क्या था चंदन गुप्ता हत्याकांड?

26 जनवरी साल 2018 के दिन तिरंगा यात्रा के दौरान कासगंज के चंदन गुप्ता की हत्या कर दी गई थी. इसके बाद कासगंज में भारी हिंसा देखने को मिली थी. चंदन की हत्या से पूरा कासगंज उग्र हिंसा की चपेट में आ गया था. इस हत्याकांड को लेकर उत्तर प्रदेश में भारी गुस्सा देखने को मिला था और चंदन गुप्ता को इंसाफ दिलाने के लिए लोग सड़कों पर उतर गए थे. 

    follow whatsapp