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लेटे हनुमान जी और अकबर की कहानी, सम्राट ने बाघंबरी मठ को भेंट की जागीर, जो बनी झंझट की जड़

संजय शर्मा

बात 1582 की है. तब प्रयागराज में बादशाह अकबर किला बनाना चाहता था. बंगाल, अवध, मगध सहित पूर्वी भारत में अक्सर होने वाले विद्रोह पर…

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बात 1582 की है. तब प्रयागराज में बादशाह अकबर किला बनाना चाहता था. बंगाल, अवध, मगध सहित पूर्वी भारत में अक्सर होने वाले विद्रोह पर सशक्त दबिश रखने की गरज से प्रयाग सबसे सटीक जगह थी, जहां किला बनाकर सेना की पलटन रखी जा सकती थी. किला चूंकि संगम तट पर था लिहाजा अकसर गंगा यमुना के मनमाने कटाव की वजह से संगम की जगह बदलती रहती थी. लिहाजा नक्शे के मुताबिक निर्माण नहीं हो पा रहा था. इतिहास बताता है कि फिर अकबर ने संगम पर यमुना किनारे की ऊंची भूमि और लेटे हनुमान जी के स्थान को भी किले के घेरे में लेने की योजना बनाई. तब संन्यासियों ने इसका विरोध किया.

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