बिस्कुट-नमकीन बेचा और खड़ा कर लिया सहारा ग्रुप, सहाराश्री सुब्रत रॉय ऐसे बन गए बिजनेस के महारथी

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Subrata Roy: सहारा ग्रुप के चेयरमैन और देश के जाने-माने कारोबारी सुब्रत रॉय का बीते मंगलवार को निधन हो गया. सहारा ग्रुप की तरफ से जो जानकारी दी गई है, उसके मुताबिक, सुब्रत रॉय मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती थे, जहां उनका इलाज चल रहा था. इसी दौरान मंगलवार रात करीब 10.30 बजे कार्डियक अरेस्ट आने से उनकी मौत हो गई.

सहारा चीफ को लोग सहाराश्री के नाम से भी जानते थे. सहाराश्री सुब्रत रॉय ने फर्श से अर्श तक का सफर तक किया था. उनकी जिंदगी काफी उतार-चढ़ाव वाली रही. सुब्रत रॉय का उत्तर प्रदेश से भी खास नाता रहा था. दरअसल वैसे तो सुब्रत रॉय का जन्म बिहार में हुआ था. मगर उन्होंने अपनी कर्मभूमि यूपी को ही बनाया और यूपी से ही उन्होंने अपने कारोबार का प्रारंभ किया.

सहारा से लाखों-करोड़ों लोगों का सहारा बने सहाराश्री

सुब्रत रॉय सहारा का जन्म बिहार के अररिया जिले में साल 1948 में हुआ था. उन्होंंने साल 1978 में सहारा इंडिया परिवार की स्थापना की. सहारा इंडिया परिवार देखते ही देखते देश की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक बन गया और करीब-करीब हर सेक्टर में ये कारोबार करने लगा.

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माना जाता है कि सहाराश्री ने अपनी कंपनी का नाम सहारा इसलिए रखा था, क्योंकि सहारा का अर्थ मदद होता है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सुब्रत रॉय ने गोरखपुर के सरकारी कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी. मगर उन्होंने शुरू से ही कारोबारी बनने का सपना देखा था.

बिस्कुट-नमकीन बेचा और खड़ा किया कारोबार

बताया जाता है कि सुब्रत रॉय ने कारोबार की शुरुआत बिस्कुट-नमकीन बेचकर की. वह अपने दोस्तों के साथ स्कूटर पर बिस्कुट-नमकीन बेचते थे. इस दौरान उन्होंने एक छोटा कमरा किराए पर लिया और यहां एक मेज-कुर्सी और एक कंप्यूटर से अपने कारोबार को शुरू किया. यहीं कारोबार आगे जाकर सहारा इंडिया परिवार बना.

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सपा चीफ अखिलेश ने भी किया सहाराश्री को याद

सुब्रत रॉय के निधन पर उन्हें कई जाने-माने लोग याद कर रहे हैं. समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव ने भी सहाराश्री को याद किया है. अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया X पर पोस्ट करके हुए लिखा, “सहारा सुब्रत रॉय जी का निधन उत्तर प्रदेश और देश के लिए भावात्मक क्षति हैं, क्योंकि वो एक अति सफल व्यवसायी के साथ-साथ एक ऐसे अति संवेदनशील विशाल हृदयवाले व्यक्ति भी थे, जिन्होंने अनगिनत लोगों की सहायता की उनका सहारा बने. भावभीनी श्रद्धांजलि.”

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