गाजियाबाद जिले का नाम बदलने का प्रस्ताव नगर निगम से पास, जानिए क्या हो सकता है नया नाम?

मयंक गौड़

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गाजियाबाद जिले का नाम बदले जाने का प्रस्ताव गाजियाबाद नगर निगम में बहुमत से पास हो गया. अब इस प्रस्ताव को शासन को भेजा जाएगा.

गाजियाबाद नगर निगम की सदन में आयोजित बोर्ड बैठक में गाजियाबाद के नाम परिवर्तन को लेकर प्रस्ताव रखा गया। गाजियाबाद में पिछले काफी समय से नाम परिवर्तन को लेकर अलग-अलग हिन्दू संगठन और नेता मांग कर रहे थे. जिसको लेकर मंगलवार को गाजियाबाद नगर निगम में प्रस्ताव रखा गया कि गाजियाबाद का नाम परिवर्तित कर दिया जाए.

पार्षदों के मुताबिक, बैठक में तीन नाम का जिक्र किया गया, जिसमें हरनंदी नगर, गजप्रस्थ और दूधेश्वर नगर नाम सुझाए गए हैं. अब यह सभी नाम शासन को भेजे जाएंगे, क्योंकि नाम बदलने का अधिकार शासन के पास होता है. ऐसे में शासन के पास यह प्रस्ताव भेजा जाएगा. इसके बाद शासन अपनी तरफ से निर्णय लेते हुए सुझाए हुए नामों में से नाम चयन करते हुए गाजियाबाद का नाम परिवर्तित किया जाएगा.

दरअसल, जो तीन नाम सुझाए गए हैं, उनके पीछे की कहानी भी आपको समझाते हैं. हरनंदी हिंडन नदी का दूसरा नाम है और गाजियाबाद हिंडन नदी के किनारे ही बसा है, इसलिए इसका नाम हरनंदी नगर करने की मांग गाजियाबाद के जनप्रतिनिधि और अनेक हिन्दू संगठनों द्वारा की जा रही थी. इसके साथ में गाजियाबाद में दूधेश्वर नाथ पीठ भी है, जिसकी आम लोगों में काफी मान्यताएं हैं.

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माना जाता है कि यहां पर भगवान शिव का शिवलिंग है, जिसकी पूजा रावण के पिता द्वारा की जाती रही है. ऐसे में इस स्थान का पौराणिक महत्व समझते हुए गाजियाबाद का नाम दूधेश्वर नगर किए जाने की मांग भी लगातार लोगों द्वारा की जाती रही है. तीसरा नाम गजप्रस्थ, उसके पीछे की वजह दिल्ली का पुराना नाम इंद्रप्रस्थ होना है. जहां इंद्रप्रस्थ राज्य के हाथी रहा करते थे और उस जगह का नाम गाजियाबाद रखा गया था, जिससे जोड़ते हुए लोग गाजियाबाद का नाम परिवर्तित कर गजप्रस्थ करने की मांग भी करते दिखाई दिए थे, जिसके बाद तीनों नाम को शासन के पास भेजा जाएगा. शासन द्वारा परिवर्तित नाम पर मुहर लगाने के बाद गाजियाबाद का नाम परिवर्तित कर दिया जाएगा.

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