प्रेग्नेंसी में नॉनवेज खाना घातक? मांओं के दूध में मिले कीटनाशक, रिसर्च में कही गई ये बात

समर्थ श्रीवास्तव

ADVERTISEMENT

UPTAK
social share
google news

उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में पिछले 10 महीनों में लगभग 111 नवजात बच्चों की मौत हो गई है और इन शिशुओं की मौत की वजह गर्भवती महिलाओं के दूध में पाए गए कीटनाशक हैं. लखनऊ के क्वीन मैरी हॉस्पिटल की एक स्टडी में यह दावा किया गया है. वहीं इस मामले में लखनऊ केजीएमयू के बायोकेमिस्ट्री विभाग ने भी गर्भवती महिलाओं के दूध में पाए गए कीटनाशक पर एक रिसर्च किया है.

केजीएमयू के बायोकेमिस्ट्री विभाग के हेड डॉक्टर अब्बास अली मेंहदी ने बताया कि हम इस रिसर्च के जरिए इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे थे कि महिलाओं के दूध में पाए गए कीटनाशक की मात्रा कितनी है? और मां के दूध तक कीटनाशक कैसे पहुंचे?

डॉक्टर अब्बास अली मेंहदी ने बताया कि हमने करीब करीब 256 महिलाओं को इस स्टडी में शामिल किया था. जिसमें हमने यह पाया कि मां के दूध में काफी अधिक मात्रा में कीटनाशक मिले. उन्होंने बताया कि फसल की पैदावार बढ़ाने के लिए तमाम पेस्टिसाइड का इस्तेमाल किया जाता है. कई पेस्टिसाइड को सरकार ने बैन भी किया है. यह पेस्टिसाइड लंबे समय तक फसल के साथ पानी में भी रहते और यह हमारे शरीर में जा रहे हैं. क्वीन मैरी हॉस्पिटल की स्टडी में कहा गया है कि शाकाहारी भोजन करने वाली महिलाओं के दूध में मांसाहारी महिलाओं की तुलना में कम कीटनाशक पाए गए. लेकिन कीटनाशक दोनों ही महिलाओं में पाए गए. मांसाहारी महिलाओं में 3.5 गुना ज्यादा पेस्टिसाइड पाया गया.

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

इस सलाव पर डॉक्टर अब्बास अली मेंहदी ने बताया कि इसकी वजह यही हो सकती है जो जानवर हैं, जैसे -मछली पानी के अंदर रहती है, वहां पेस्टिसाइड रह सकते हैं. जो जानवर चार खाते हैं, उसमे सबसे ज्यादा पेस्टिसाइड का स्प्रे किया जाता है. इसकी वजह से यह दूध में भी जाता है. इस वजह से मांसाहारी महिलाओं में इसका असर ज्यादा पाया गया है.

शोध में कहा गया है कि मां के दूध के जरिए बच्चे में भी कीटनाशक आराम से पहुंच सकते हैं. स्तन के दूध में मौजूद कीटनाशकों ने नवजात शिशुओं को गंभीर नुकसान पहुंचाता है.

डॉक्टर अब्बास अली मेंहदी ने बताया कि महाराजगंज बच्चों की मौत कैसे हुई इसपर अभी मैं कुछ दावा नहीं कर सकता पर यह पेस्टिसाइड अगर अगर एक साथ शरिर पहुंच गए तो तुरंत घातक हो जाते हैं,और अगर कम पहुंचे तो उनका लॉन्ग टर्म इंपैक्ट होता है. इसपर काबू कैसे पाया जाए इस सवाल पर उन्होंने कहा कि पेस्टिसाइड का लेवल कम करना आसान नहीं है.खानपान अच्छा रखा ना होगा. जो फल-सब्जी है उसको अच्छे से धोकर खाए. उससे केमिकल निकल सकते हैं, कुछ हद तक इससे काबू किया जा सकता.

ADVERTISEMENT

IND vs NZ T20: लखनऊ में गेंद के साथ घूमे बल्लेबाज, अब पिच बनाने वाले पर गिरी गाज

ADVERTISEMENT

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT