नेताजी के अंतिम दर्शन: कोई घुटनों के बल आया तो कोई लाठी के, बताई वो कहानी जो भूल नहीं सके

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नेताजी के निधन पर लखनऊ के दिव्यांग गोविंद दास ने बताया कि उनकी नौकरी नेताजी ने LDA में लगवाई थी.

उन्होंने कहा कि नेताजी ने हमारी बहुत मदद की. वह हमेशा हमसे मिलते थे.

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अब वह रिटायर हो गए हैं. उन्होंने कहा कि नेताजी ने हमेशा अपना हाथ उनके सिर पर रखा.

नेताजी के अंतिम दर्शन करने के लिए एक बुजुर्ग महिला भी लाठी के सहारे लाइन में खड़ी रहीं.

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उन्होंने रोते हुए कहा कि नेताजी के जाने से आज उनका सहारा टूट गया.

बुजुर्ग महिला ने कहा कि नेताजी ने हमेशा उनकी मदद की और वह हमेशा हमसे मिलते थे.

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नेताजी के अंतिम दर्शन करने के लिए सैफई में भारी भीड़ है. सपा समर्थक अपने-अपने अंदाज में नेताजी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे हैं.

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