फर्जी एंबुलेंस मामले में बांदा जेल से मुख्तार अंसारी की हुई वर्चुअल पेशी, ऐसे वादी को घेरने की कोशिश की

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उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की बांदा जेल से वर्चुअल पेशी हुई. यह पेशी फर्जी एंबुलेंस मामले में एमपी–एमएलए कोर्ट एसीजीएम–19 विपिन यादव की कोर्ट में हुई. इसमें वादी मुकदमा तत्कालीन एआरटीओ पंकज सिंह से जिरह हुई, लेकिन समय के अभाव के चलते जिरह पूरी नहीं हो सकी. इसलिए इस मुकदमे में अगली तारीख 17 अगस्त की लगाई गई है.

बाहुबली मुख्तार अंसारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट की कार्यवाही को देखता रहा और अपने वकीलों के जरिए जिरह के दौरान वादी मुकदमा को घेरने की कोशिश करता रहा.

मुख्तार अंसारी के वकील रणधीर सिंह सुमन ने बताया कि आज सरकार बनाम अलका राय फर्जी एंबुलेंस मामले में पेशी हुई थी, जिसमें मुख्तार अंसारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में मौजूद थे. मुख्य गवाह और वादी मुकदमा से जिरह पूरी नहीं हो पाई. इसकी वजह से कोर्ट में अगली तारीख 17 अगस्त की लगा दी है.

वहीं, एडवोकेट सुमन ने बताया कि यह मुकदमा चुनाव जीतने के लिए बाहुबली मुख्तार अंसारी पर दर्ज किया गया था. यह राजनीतिक मुकदमा है, इसमें कोई सच्चाई नहीं है.

बता दें कि पंजाब में अस्पताल से जेल जाने के लिए बाहुबली मुख्तार अंसारी जिस एंबुलेंस का इस्तेमाल करता था उस एंबुलेंस का फर्जी पंजीकरण बाराबंकी संभागीय विभाग में हुआ था. मुकदमे की मुख्य आरोपी डॉ. अलका राय के नाम पर एंबुलेंस का फर्जी पंजीकरण दर्ज था. नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था. बाद में तफ्तीश के दौरान मुख्तार अंसारी और उसके गुर्गों के नाम मुकदमे में बढ़ाए गए थे.

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