Manmohan Singh Passes Away: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में निधन, रात 9:51 पर एम्स में ली आखिरी सांस
Manmohan Singh Death: पूर्व प्रधानमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार को लंबी बीमारी के बाद दिल्ली में निधन हो गया. वह 92 वर्ष के थे. मनमोहन सिंह एक प्रख्यात अर्थशास्त्री और राजनेता के रूप में आजीवन सराहे जाते रहे.
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पूर्व प्रधानमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार को लंबी बीमारी के बाद दिल्ली में निधन हो गया. वह 92 वर्ष के थे. मनमोहन सिंह एक प्रख्यात अर्थशास्त्री और राजनेता के रूप में आजीवन सराहे जाते रहे. रुवार शाम स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद AIIMS दिल्ली में भर्ती कराया गया था. डॉ. मनमोहन सिंह ने दो बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दीं. 2004 से 2014 तक उन्होंने कांग्रेस-नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार का नेतृत्व किया. प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल में देश ने आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों में कई उपलब्धियां हासिल कीं.
1991 में, तत्कालीन वित्त मंत्री के रूप में, डॉ. सिंह ने भारत की आर्थिक उदारीकरण नीति की नींव रखी, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा और वैश्विक पहचान मिली. उनके इस योगदान को आज भी भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास के लिए मील का पत्थर माना जाता है. स्वास्थ्य कारणों के चलते डॉ. सिंह ने हाल के वर्षों में सक्रिय राजनीति से दूरी बना ली थी. 2024 की शुरुआत से ही उनकी तबीयत ठीक नहीं चल रही थी. उनका अंतिम सार्वजनिक कार्यक्रम जनवरी 2024 में उनकी बेटी की पुस्तक के विमोचन के दौरान था. उन्होंने अप्रैल 2024 में राज्यसभा से सेवानिवृत्ति ली थी.
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
डॉ. सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के एक गांव में हुआ. उन्होंने 1948 में पंजाब यूनिवर्सिटी से मैट्रिकुलेशन की परीक्षा उत्तीर्ण की. इसके बाद उनकी शैक्षिक यात्रा उन्हें यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज, यूके तक ले गई, जहां उन्होंने 1957 में अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की. इसके बाद, 1962 में उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के नफील्ड कॉलेज से अर्थशास्त्र में डी. फिल की उपाधि प्राप्त की. उनकी पुस्तक “India’s Export Trends and Prospects for Self-Sustained Growth” (1964) भारत की inward-oriented व्यापार नीति पर शुरुआती आलोचना मानी जाती है.
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शैक्षिक और प्रारंभिक पेशेवर जीवन
डॉ. सिंह ने पंजाब यूनिवर्सिटी और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में अध्यापन किया. उन्होंने UNCTAD (संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन) के सचिवालय में भी काम किया. 1987 से 1990 तक, उन्होंने जेनेवा में साउथ कमीशन के महासचिव के रूप में कार्य किया.
सरकारी सेवा और वित्तीय नेतृत्व
1971 में डॉ. सिंह ने भारत सरकार में वाणिज्य मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार के रूप में अपना करियर शुरू किया. 1972 में वे वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार बने. इसके बाद उन्होंने कई महत्वपूर्ण सरकारी पदों पर कार्य किया, जिनमें वित्त मंत्रालय में सचिव, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर, प्रधानमंत्री के सलाहकार, और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अध्यक्ष शामिल हैं.
भारत के वित्त मंत्री के रूप में ऐतिहासिक भूमिका
1991 से 1996 तक, डॉ. सिंह भारत के वित्त मंत्री रहे. इस दौरान उन्होंने आर्थिक सुधारों की व्यापक नीति लागू की, जो भारत की अर्थव्यवस्था के लिए मील का पत्थर साबित हुई. उनके नेतृत्व में किए गए सुधारों ने भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक नई पहचान दिलाई. इस अवधि को भारतीय आर्थिक इतिहास में डॉ. सिंह के नाम से जोड़ा जाता है.
पुरस्कार और सम्मान
डॉ. सिंह को उनके सार्वजनिक जीवन में कई प्रतिष्ठित पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए, जिनमें शामिल हैं:
- पद्म विभूषण (1987), जो भारत का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है.
- एडम स्मिथ पुरस्कार (1956), यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज द्वारा.
- राइट प्राइज़ (1955), सेंट जॉन्स कॉलेज, कैम्ब्रिज में.
- एशिया मनी अवार्ड (1993 और 1994) और यूरो मनी अवार्ड (1993) में वर्ष के वित्त मंत्री.
- जवाहरलाल नेहरू जन्मशती पुरस्कार (1995), भारतीय विज्ञान कांग्रेस द्वारा.
- उन्हें कैम्ब्रिज और ऑक्सफोर्ड समेत कई विश्वविद्यालयों से मानद उपाधियाँ भी प्राप्त हुई हैं.
- अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व.
डॉ. सिंह ने कई अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों और संगठनों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। 1993 में उन्होंने कॉमनवेल्थ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट मीटिंग (CHOGM) और वियना में विश्व मानवाधिकार सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।
राजनीतिक जीवन
1991 से, डॉ. सिंह राज्यसभा के सदस्य रहे हैं. 1998 से 2004 के बीच उन्होंने राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में कार्य किया. 2004 के आम चुनावों के बाद, वे 22 मई 2004 को भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. उन्होंने 22 मई 2009 को दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ ली.
व्यक्तिगत जीवन
डॉ. सिंह का विवाह गुरशरण कौर से हुआ, और उनकी तीन बेटियां हैं.
डॉ. मनमोहन सिंह, जिन्हें हमेशा एक विचारशील विद्वान और कुशल अर्थशास्त्री के रूप में जाना जाता रहा, भारत के चौदहवें प्रधानमंत्री रहे. अपनी सादगी, कार्य के प्रति निष्ठा, और विद्वतापूर्ण दृष्टिकोण के लिए डॉ. सिंह को विश्व भर में प्रशंसा मिली.