पंडित नेहरू से लेकर चंद्रशेखर तक…यूपी में जन्मे देश के प्रधानमंत्रियों की कहानी

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UP Born Prime Ministers of India: आजादी की लड़ाई से लेकर देश के आजाद होने और फिर यहां की सियासत के पन्नों पर उत्तर प्रदेश…

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UP Born Prime Ministers of India: आजादी की लड़ाई से लेकर देश के आजाद होने और फिर यहां की सियासत के पन्नों पर उत्तर प्रदेश का रंग हमेशा से गाढ़ा रहा है. देश की सियासत की बात हो और यूपी उसकी धुरी में न हो ऐसा भला कैसे हो सकता है. यहां के गली-नुक्कड़ से लेकर बाग-बगीचे, चौक-चौराहे और खेतों की मेढ़ों पर भी सियासी चर्चाएं अक्सर गर्म रहा करती हैं. यही वजह है कि अबतक 15 में से 9 ऐसे प्रधानमंत्री रहे हैं, जिनका सीधा संबंध उत्तर प्रदेश से रहा है. केवल संबंध ही नहीं बल्कि अब तक 6 प्रधानमंत्री तो ऐसे हैं, जिनका जन्म यूपी में हुआ था. ऐसे में यूपी तक आपको उन प्रधानमंत्रियों से रूबरू करा रहा है जिन्होंने गांव के बगीचों में खाट पर चर्चा से लेकर विश्वविद्यालय कैंपस में राजनीति की ABCD सीखी और देश की राजनीति को ऐसी दिशा दी कि सियासी चर्चाओं के पन्नों पर अमिट स्याही के साथ दर्ज हो गए.

जवाहर लाल नेहरू

पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर, 1889 को इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में हुआ था. 1947 में नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री बने. आपको बता दें कि पंडित नेहरू 1951-52, 1952-57, 1957-62, 1962-64 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे हैं. चूंकि, 1964 में उनका निधन हो गया था, जिसके चलते वह 1962 का अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए. नेहरु ने चारों बार उत्तर प्रदेश के फूलपुर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया था.

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लाल बहादुर शास्त्री

भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर, 1904 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी से सात मील दूर एक छोटे से रेलवे शहर मुगलसराय में हुआ था. पंडित नेहरू के निधन के बाद लाल बहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे. उनका कार्यकाल 9 जून साल 1964 से 11 जनवरी साल 1966 तक था. शास्त्री ने उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद सीट का प्रतिनिधित्व किया था. गौरतलब है कि ताशकन्द समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद उसी रात उनकी मृत्यु हो गई थी. शास्त्री की मृत्यु का कारण हार्ट अटैक बताया गया था.

इंदिरा गांधी

भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर नेहरू की बेटी इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर 1977 को इलाहाबाद में हुआ था. वे उनकी एकमात्र संतान थीं. आपको बता दें कि इंदिरा गांधी जनवरी 24, 1966 से मार्च 24, 1977 और जनवरी 14, 1980 से अक्टूबर 31, 1984 तक भारत की प्रधानमंत्री रही थीं. इंदिरा ने फिरोज गांधी से शादी की थी. ऐसा कहा जाता है कि शुरू में उन्होंने अपने छोटे बेटे संजय को अपना राजनीतिक वारिस चुना था, लेकिन एक उड़ान दुर्घटना में संजय की दर्दनाक मृत्यु हो गई. इसके बाद इंदिरा ने अपने बड़े बेटे राजीव गांधी को पायलट की नौकरी परित्याग कर फरवरी 1981 में राजनीति में प्रवेश के लिए प्रेरित किया था. वहीं, पंजाब में हुए ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद इंदिरा के दो सुरक्षाकर्मियों ने गोलियों से भूनकर उनकी हत्या कर दी थी. इसके बाद राजीव देश के प्रधानमंत्री बने.

चौधरी चरण सिंह

भारत के प्रधानमंत्री रहे चौधरी चरण सिंह का जन्म 1902 में उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के नूरपुर में एक मध्यम वर्गीय किसान परिवार में हुआ था. साल 1977 के लोकसभा चुनाव में चौधरी चरण सिंह ने भारतीय लोक दल पार्टी के टिकट पर उत्तर प्रदेश की बागपत सीट से जीत हासिल की और प्रधानमंत्री बने. चौधरी चरण सिंह का कार्यकाल 28 जुलाई साल 1979 से लेकर 14 जनवरी 1980 तक रहा था. चरण सिंह किसानों के नेता माने जाते रहे. एक जुलाई 1952 को यूपी में उनकी बदौलत जमींदारी प्रथा का उन्मूलन हुआ और गरीबों को अधिकार मिला.

विश्वनाथ प्रताप सिंह

25 जून, 1931 को इलाहाबाद में जन्मे विश्वनाथ प्रताप सिंह सिंह राजा बहादुर राम गोपाल सिंह के पुत्र थे. विश्वनाथ प्रताप सिंह भारत के आठवें प्रधानमंत्री थे. राजीव गांधी सरकार के पतन के कारण प्रधानमंत्री बने विश्वनाथ प्रताप सिंह ने आम चुनाव के माध्यम से 2 दिसम्बर 1989 को यह पद प्राप्त किया था. वह नवंबर 10, 1990 तक प्रधानमंत्री रहे थे. आपको बता दें कि वीपी सिंह प्रधान मंत्री के रूप में भारत की पिछड़ी जातियों में सुधार करने की कोशिश के लिए जाने जाते हैं.

चंद्रशेखर

भारत के प्रधानमंत्री रहे चंद्रशेखर का जन्म 1 जुलाई 1927 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के इब्राहिमपट्टी गांव में एक किसान परिवार में हुआ था. देश के 11वें प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने साल 1989 में उत्तर प्रदेश के बलिया लोकसभा सीट से चुनाव जीता था. उनका कार्यकाल 10 नवंबर साल 1990 से लेकर 21 जून साल 1991 तक रहा.

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