विदुर कुटी स्थल का भ्रमण कर अवधेशानंद गिरि बोले- यह स्थान विश्व मानचित्र में शामिल हो

संजीव शर्मा

जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने शुक्रवार, 17 दिसंबर को बिजनौर के विदुर कुटी स्थल का भ्रमण किया. उन्होंने वहां पर…

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जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने शुक्रवार, 17 दिसंबर को बिजनौर के विदुर कुटी स्थल का भ्रमण किया. उन्होंने वहां पर चलने वाली गतिविधियों के बारे में जानकारी ली और उसकी ऐतिहासिकता के बारे में अधिकारियों से जाना.

उन्होंने इस स्थल को नीतिवान विदुर का पुण्य स्थल बताते हुए इसे विश्व मानचित्र में शामिल किए जाने की मांग की.

स्वामी अवधेशानंद गिरि को अधिकारियों ने बताया, “यह स्थल बहुत ही पौराणिक है जहां पर महाभारत युद्ध होने से पहले महात्मा विदुर हस्तिनापुर छोड़कर इसी स्थान पर आकर एक कुट्टी बनाकर रहने लगे थे. उसके बाद जब महाभारत युद्ध को रोकने भगवान श्री कृष्ण हस्तिनापुर दुर्योधन को समझाने आए थे और दुर्योधन ने उनके समझौते के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था. इससे नाराज होकर भगवान श्री कृष्ण इसी विदुर कुटी पर आए थे.”

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अधिकारियों ने आगे बताया, “यह एक धार्मिक और पौराणिक भूमि बन गई है और अभी से पर्यटन के रूप में विकसित किया जा रहा है. गंगा यहां से दूर जा चुकी है अब उसको इस मंदिर के किनारे दोबारा लाने के लिए कार्य योजना बनाई जा रही है. इसको बड़े पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए अनेकों योजनाएं चल रही हैं.”

स्वामी अवधेशानंद गिरि ने इस स्थल की प्रशंसा करते हुए कहा,

“यह एक ऐसे नीति निर्धारक महात्मा विदुर का स्थल है, जिनकी नीतियां आज भी हमारे देश और विश्व के लिए लाभदायक साबित हो रही हैं.”

स्वामी अवधेशानंद गिरि

स्वामी अवधेशानंद गिरि चाहते हैं कि इस स्थल को विश्व मानचित्र में जगह मिलनी चाहिए. उन्होंने बताया कि वह इसके लिए प्रयास करेंगे.

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