2013 मुजफ्फरनगर दंगा मामला: BJP विधायक विक्रम सैनी समेत 12 लोगों को 2 साल कैद की सजा

संदीप सैनी

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मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar News) की कोर्ट ने मंगलवार को 2013 दंगे से पहले हुए कवाल कांड के एक मामले में बीजेपी विधायक विक्रम सैनी सहित 12 लोगों को दोषी करार देते हुए दो-दो साल की सजा और 10-10 हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाया है. कोर्ट के इस फैसले के बाद बीजेपी विधायक सहित सभी 12 लोगों को न्यायालय से ही जमानत मिल गई.

दरअसल, 27 अगस्त 2013 को मुजफ्फरनगर जिले के कवाल गांव में गौरव और सचिन की हत्या के बाद पुलिस ने खतौली विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक विक्रम सैनी समेत 28 लोगों पर धारा 147, 148, 149, 307, 336, 353, 504 और 506 में मुकदमा दर्ज किया था.

जानकारी के मुताबिक, विधायक विक्रम सैनी सहित इन सभी 28 में से 12 लोगों को मंगलवार को एमपी-एमएलए कोर्ट ने दो-दो साल की सजा सुनाते हुए 10-10 हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाया है, जबकि 15 लोग इस मामले में सबूतों के अभाव में बरी हो गए थे और एक की मृत्यु हो गई थी.

बीजेपी विधायक विक्रम सैनी के मुताबिक, वह न्यायपालिका का सम्मान करते हैं और अब इसके बाद वह हाई कोर्ट में जाएंगे, जहां उन्हें न्याय मिलने की पूरी उम्मीद है.

इस मामले की जानकारी देते हुए बीजेपी विधायक विक्रम सैनी के वकील भरतवीर सिंह अहलावत ने बताया, “उस समय पुलिस द्वारा विधायक जी को कहा गया था कि आप एक समुदाय के खिलाफ लोगों को भड़का रहे हैं. उस समय सात-आठ लोगों को पुलिस ने पकड़ लिए थे और बाकी के लोग छूटकर भाग गए थे, जो भाग गए थे वह सब तो बरी हो गए हैं. आज सारे दोषमुक्त कर दिए गए और जो मौके पर पकड़े गए थे. उन्हें सभी को दो-दो साल की सजा और दस-दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. विधायक विक्रम सैनी भी इसमें शामिल हैं.”

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उन्होंने आगे बताया,

“12 लोगों को इसमें सजा हुई है, बाकी लोग बरी हो गए हैं. 28 लोग थे, इनमें एक की मृत्यु हो गई थी. यह मुकदमा साल 2013 में 147, 148, 149, 307, 336, 323, 504 और 506 में दर्ज हुआ था. 2 साल की सजा हुई है. विधायक समेत सभी 12 को न्यायालय से ही जमानत मिल गई है, क्योंकि प्रावधान है कि अगर 3 साल से अधिक की सजा हो तो न्यायालय से जमानत नहीं मिलती है, इसलिए 2 साल की सजा दी थी तो न्यायालय से ही जमानत इन सबको मिल गई है.”

भरतवीर सिंह अहलावत

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विधायक विक्रम सैनी ने इस मामले के बारे में मीडिया से बात करते कहा कि ये कवाल दंगे का मामला था. कवाल दंगे में पुलिस ने हमारे पास बलकटी दिखाई थी, उसमें 2 साल की सजा और दस हजार रुपये का जुर्माना हुआ है. हम न्यायपालिका का सम्मान करते हैं. अपील करने के लिए हम हाई कोर्ट जाएंगे, वहां से न्याय जरूर मिलेगा.

उन्होंने आगे कहा कि सपा सरकार की ये सब देन है. उसी ने यह सब मुकदमे लगाए थे. बलकटी से गोली चलाना दिखाया था, क्या बलकटी से गोली चलती है, बलकटी दिखाइए…बलकटी 3 आदमियों से बरामद हुआ और सजा दे दी मुझे.

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