पूर्व विधायक और सपा नेता रोशनलाल वर्मा के परिवार की ‘अवैध इमारत’ पर चला बुल्डोजर

विनय पांडेय

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शाहजहांपुर में पूर्व विधायक और समाजवादी पार्टी के नेता रोशनलाल वर्मा के परिवार की कथित अवैध इमारत को गुरुवार को बुल्डोजर चलाकर जमींदोज कर दिया गया. जांच में अवैध संपत्ति पाए जाने पर प्रशासन ने यह कार्रवाई की है. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से ठीक पहले रोशन लाल वर्मा पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ बीजेपी से इस्तीफा देकर एसपी में शामिल हुए थे.

चार दिन पहले ही तिलहर की राजस्व टीम ने निगोही में रोशन लाल वर्मा की संपत्ति की पैमाइश की थी. आरोप है कि अवैध कब्जे की जमीन पर अस्पताल बनाया गया था. अधिकारियों की मौजूदगी में रोशन लाल वर्मा का ‘अवैध निर्माण’ गिराया गया.

शाहजहांपुर के जिलाधिकारी उमेश प्रताप सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि तिलहर विधानसभा क्षेत्र के निगोही थाना अंतर्गत कस्बे में बने भवन के सरकारी जमीन पर बना होने की शिकायत मिली थी. मंगलवार को राजस्व विभाग की टीम ने पूर्व विधायक के भवन की नाप की तो उसमें 15 फीट चौड़ी और 30 फीट लंबी सरकारी भूमि पर भवन बना लिया गया था.

उन्होंने बताया कि इसके अलावा उनके भवन के सामने वाली 280 मीटर अन्य सरकारी जमीन भी राजस्व तथा पुलिस विभाग की थी. उसे भी खाली करा लिया गया है. वहीं, बने हुए भवन का जो हिस्सा सरकारी जमीन पर बनाया गया था, उसे तोड़ दिया गया है.

सिंह ने बताया कि पुलिस अधीक्षक (नगर) संजय कुमार के अलावा बड़ी संख्या में पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारियों की देखरेख में अवैध रूप से बने भवन के हिस्से को गिराया गया. यह भवन पूर्व विधायक रोशनलाल वर्मा की पुत्रवधू रुचि वर्मा के नाम है.

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पुलिस अधीक्षक (नगर) कुमार ने बताया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस प्रशासन के अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद हैं और यह पुलिस और प्रशासन की संयुक्त कार्यवाही है केवल अवैध रूप से बनाए गए हिस्से को ही बुल्डोजर से तोड़ा गया है.

जिस भवन को तोड़ा गया, उसे एक चिकित्सक को किराये पर दिया गया था. प्रशासनिक अमला अवैध रूप से बनी इमारत को तोड़ने के लिए पहुंचा, तो उस समय उसके अंदर दो मरीज भी मौजूद थे.

पूर्व विधायक रोशनलाल वर्मा की पुत्रवधू रुचि वर्मा के अधिवक्ता अनूप कुमार त्रिवेदी ने बताया कि बृहस्पतिवार को ही उन्होंने सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में स्थगन आदेश प्राप्त करने के लिए वाद दायर किया, लेकिन अदालत ने आदेश सुरक्षित रख लिया है. वकील ने कहा कि इसी बीच प्रशासन ने बिना नोटिस दिए ही यह कार्रवाई शुरू कर दी.

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(भाषा के इनपुट्स के साथ)

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