महाकुंभ की 'सबसे सुंदर साध्वी' हर्षा फूट-फूटकर क्यों रोने लगीं, क्या हुआ उनके साथ?
इंटरव्यू के दौरान हर्षा ने बताया कि उनके गुरुदेव को टारगेट किया जा रहा है, और यही वजह है कि उन्होंने महाकुंभ छोड़ने का फैसला किया. उनकी आंखों में आंसू थे जब उन्होंने कहा, "जब तक बात मुझ तक थी, तब तक कोई समस्या नहीं थी. लेकिन अब मेरे गुरुदेव को निशाना बनाया जा रहा है, और मैं यह सहन नहीं कर सकती."
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महाकुंभ 2025 में सोशल मीडिया सेंसेशन हर्षा रिछारिया अचानक चर्चा का केंद्र बन गई हैं. सोशल मीडिया पर उन्हें महाकुंभ की सबसे सुंदर साध्वी बताया जा रहा है. हालांकि, उनकी लोकप्रियता के साथ ही विवाद भी बढ़े हैं. संत समाज का एक हिस्सा उनके रथ पर बैठने को लेकर नाराज है. इसके बावजूद, हर्षा ने अपने सनातन प्रेम और आस्था के जरिए लाखों लोगों का ध्यान खींचा है.

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हर्षा रिछारिया ने खुद को साध्वी नहीं बल्कि सनातन की अनुयायी बताया. उन्होंने अपने जीवन के बारे में बताते हुए कहा कि उनका बचपन सामान्य था, लेकिन कुछ बड़े हादसों ने उनकी जिंदगी को पूरी तरह बदल दिया. ईश्वर और सनातन के प्रति उनकी आस्था ने उन्हें एक नया जीवन दिया. हर्षा ने कहा, "जब मैंने खुद से कटना शुरू किया और अकेले रहना पसंद करने लगी, तब मुझे ईश्वर की शरण में सुकून मिला."

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महाकुंभ के दौरान हर्षा को रथ पर बैठे देखकर संत समाज का एक वर्ग नाराज हो गया. इस पर हर्षा ने अपनी सफाई देते हुए कहा, "मैंने केवल भगवान शॉल ओढ़ी हुई थी, भगवा चोला नहीं. शाही सवारी में केवल मैं नहीं, बल्कि कई गृहस्थ और भक्त शामिल थे. लेकिन मेरा चेहरा वायरल हो गया, इसलिए लोगों को ऐसा लगा कि केवल मैं ही रथ पर बैठी हूं."

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हर्षा रिछारिया के बालों और आंखों को लेकर भी कई सवाल उठाए गए. उन्होंने इसका जवाब देते हुए कहा, "मेरी आंखों में लेंस हैं क्योंकि मुझे चश्मा लगाना पसंद नहीं है. मैंने कभी यह दावा नहीं किया कि मैं साध्वी हूं. मैं केवल वही करती हूं जो सनातन के लिए सही लगता है. लोगों को मेरी व्यक्तिगत पसंद को गलत तरीके से नहीं देखना चाहिए."

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कुछ संतों द्वारा की गई अभद्र टिप्पणियों पर हर्षा ने खुलकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, "जब आप किसी पद पर होते हैं, तो हम जैसे लोग आपसे प्रेरणा लेते हैं. लेकिन जब संत ही अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं, तो यह उनके लिए और समाज के लिए शर्मनाक है. यह जलन का नतीजा है कि जब कोई आगे बढ़ता है, तो लोग उस पर कीचड़ उछालते हैं."

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इंटरव्यू के दौरान हर्षा ने बताया कि उनके गुरुदेव को टारगेट किया जा रहा है, और यही वजह है कि उन्होंने महाकुंभ छोड़ने का फैसला किया. उनकी आंखों में आंसू थे जब उन्होंने कहा, "जब तक बात मुझ तक थी, तब तक कोई समस्या नहीं थी. लेकिन अब मेरे गुरुदेव को निशाना बनाया जा रहा है, और मैं यह सहन नहीं कर सकती."

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आगे के जीवन पर बात करते हुए हर्षा ने कहा, "मुझे अभी यह नहीं पता कि मैं साध्वी जीवन अपनाऊंगी या गृहस्थ जीवन. लेकिन मेरा एकमात्र लक्ष्य है युवाओं को सनातन की ओर प्रेरित करना. मैंने जो भी किया है, वह अपनी आस्था और भगवान के प्रति प्रेम के कारण किया है."

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हर्षा से पूछा गया कि क्या वह भविष्य में किसी रियलिटी शो या राजनीति में कदम रखने का सोच रही हैं. इस पर उन्होंने साफ कहा, "अभी मुझे बहुत कुछ सीखने और समझने की जरूरत है. मेरा ऐसा कोई विचार नहीं है. फिलहाल मेरा पूरा ध्यान युवाओं को सही दिशा दिखाने और सनातन को बढ़ावा देने पर है."

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महाकुंभ छोड़ने की बात करते हुए हर्षा ने कहा, "मुझे यहां से बहुत कुछ सीखने और समझने की उम्मीद थी. लेकिन मौजूदा परिस्थितियों के कारण अब मुझे यहां से जाना पड़ेगा. मैं अगले 1-2 दिनों में उत्तराखंड लौट जाऊंगी. यहां बिताया गया समय मेरे लिए बहुत खास रहेगा."

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फूट-फूटकर रोती हुई हर्षा ने अंत में कहा, "जब बड़े लोग गलत बातें करते हैं, तो यह समाज और सनातन के लिए शर्मनाक है. मुझे महाकुंभ से विदा लेनी पड़ रही है, लेकिन मेरी आस्था और सनातन के प्रति समर्पण हमेशा बना रहेगा. मैं आशा करती हूं कि लोग सनातन की गहराई को समझें और उसे सच्चे दिल से अपनाएं."