महाकुंभ में ईरान से आई जटाधारी महिला, इनकी कहानी क्या है, कैसे पहुंचीं प्रयागराज?
ईरान से आई एक महिला ने भारत की अपनी पहली यात्रा को अद्भुत बताया. 9 लोगों के वैश्विक समूह के साथ भारत पहुंचकर उन्होंने इसकी संस्कृति और परंपराओं की तारीफ की.
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मकर संक्रांति के अवसर पर महाकुंभ 2025 के पहले अमृत स्नान में न केवल भारतीय श्रद्धालु बल्कि विदेशियों ने भी भी भारतीय संस्कृति और गंगा की पवित्रता का दिव्य अनुभव किया. ईरान से आई एक महिला ने इसे एक अद्भुत और यादगार अनुभव बताया.

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महिला ने बताया कि वह 9 लोगों के एक अंतरराष्ट्रीय समूह के साथ महाकुंभ में शामिल हुई हैं. यह समूह अलग-अलग देशों से आया है जो भारतीय परंपराओं को करीब से देखने और अनुभव करने के लिए उत्सुक था.

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महिला ने कहा कि , 'हम पहली बार यहां आए हैं... हम कल सुबह 10 बजे स्नान करेंगे. कुंभ का आयोजन बहुत अच्छे तरीके से किया गया है. यह प्रभावशाली है. हम एक बहुत अच्छी टेंट कॉलोनी में रह रहे हैं.'

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ईरानी महिला ने अपनी पर्सनल लाइफ के बारे में बताया कि वह और उनके पति दुबई और लिस्बन के बीच नियमित यात्रा करते हैं. लेकिन भारत की यह यात्रा उनके लिए एक बिल्कुल नया और खास अनुभव था.

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महिला ने महाकुंभ को भारत की महान परंपरा का प्रतीक बताया. उन्होंने कहा कि इस आयोजन ने न केवल भारतीयों बल्कि विदेशी श्रद्धालुओं को भी आध्यात्मिक रूप से जोड़ने का काम किया है. उनकी यात्रा ने उन्हें भारतीय संस्कृति को गहराई से समझने का अवसर दिया.