योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने यूपी तक से खास बातचीत की है. संजय निषाद ने आजम खान को लेकर अपने माफीनामा वाले बयान पर कहा, “संविधान में एक व्यवस्था है कि कोई भी व्यक्ति अगर माफीनामा देता है तो सरकार और न्यायालय उसपर विचार करती है, वही बात मैंने भी कही है.”
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उन्होंने आगे कहा, “लोगों ने आजम खान को राजनीति का विषय बना रखा था, कोई भी आजम खान से मिलने जा रहा है और मदद करने की बात कह रहा है. एक तो आजम खान ने गलती की है, जिसकी वह सजा भुगत रहे हैं. उनके पास कोई एविडेंस नहीं है. अगर एविडेंस होता तो अभी तक उनकी जमानत हो जाती है. इसका मतलब है कि वह गलती किए हैं, इसीलिए मैंने बयान दिया था कि उनको शासन और सरकार से माफी मांग कर देखना चाहिए.”
बता दें कि हाल ही में एबीपी न्यूज को दिए गए एक अपने एक इंटरव्यू में संजय निषाद ने कहा था, “आजम खान को चाहिए कि वह शासन और सरकार से अपने किए हुए गलतियों को लेकर माफी मांगें. उन्हें माफीनामा भेजना चाहिए और लिखना चाहिए कि आगे हम ऐसी गलती नहीं करेंगे और हमें माफ किया जाए और सजा को कम किया जाए.”
वहीं समाजवादी पार्टी चीफ अखिलेश यादव के अपने ही पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान से जेल में मुलाकात नहीं करने से जुड़े सवाल पर संजय निषाद ने कहा, “अखिलेश जी आजम खान से मिलने नहीं गए तो वह उनसे पूछा जाए कि वह क्यों मिलने नहीं गए.”
कैबिनेट मंत्री ने आगे कहा, “मुलायम सिंह यादव (समाजवादी पार्टी संरक्षक) समाजवाद थे और समाजवाद उन तक ही था. राजनीति विरासत पर नहीं होती, राजनीति जनता और लोकतंत्र से चलता है. मुलायम सिंह यादव जब थे, तब वह सबको साथ में लेकर चलें. लेकिन जिनको विरासत में राजनीति मिली और पिछड़ों को गुमराह करके राजनीति करते रहे हैं, आज उनके लिए कुछ नहीं किया.”
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री जी को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने पिछड़ा वर्ग आयोग को संविधान के दायरे में लाया, शिक्षा में आरक्षण दिलाया. प्रधानमंत्री ने शिक्षा में आरक्षण को लाया, वहीं पिछड़ों के बच्चों को आईएएस, आईपीएस बनाने के लिए आवासीय योजना के तहत उनके लिए हॉस्टल और कोचिंग बनाया जा रहा है…मैं तो कहना चाहूंगा कि पीएम और सीएम पिछड़ों के लिए काम कर रहे हैं.”
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव को लेकर संजय निषाद ने कहा, “शिवपाल यादव जी को एक सलाह देना चाहूंगा कि उन्होंने एक पार्टी बनाई है तो उस पार्टी के नीति का प्रचार प्रसार करें और अपने कार्यकर्ताओं के अपेक्षाओं पर खरा उतर कर काम करना करें, इधर-उधर की राजनीति से परहेज करना चाहिए.”
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