समाजवादी पार्टी (सपा) के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन को हाथरस की MP-MLA कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. राणा सांगा पर उनकी विवादित टिप्पणी से जुड़े मामले में कोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज केस को खारिज कर दिया है. सुमन के वकील ने बताया कि कोर्ट ने इस फैसले में कहा है कि जब सांसद का बयान संसद की कार्यवाही से हटा लिया गया है, तो उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता.
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बता दें कि सपा सांसद ने रामजीलाल सुमन ने 21 मार्च को राज्यसभा में बयान दिया था कि मुगल शासक बाबर को भारत बुलाने के लिए राणा सांगा जिम्मेदार थे और उन्हें "गद्दार" कहा था. उनके इस बयान पर जमकर बवाल हुआ था. रामजीलाल के इस बयान के बाद करणी सेना सहित कई संगठनों ने इसकी कड़ी निंदा की और सुमन के खिलाफ प्रदर्शन किए. सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा गरम रहा, जहां कई लोगों ने सुमन के बयान को ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ और राजपूत गौरव का अपमान बताया.
विवाद बढ़ने के बाद संसद ने सुमन के इस बयान को कार्यवाही से हटाने का फैसला किया. इसके बावजूद, करणी सेना के एक कार्यकर्ता ने सुमन के खिलाफ हाथरस की MP-MLA कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उनके खिलाफ धार्मिक और सामाजिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाया गया.
हाथरस की MP-MLA कोर्ट में सुनवाई के दौरान सुमन के वकील ने दलील दी कि उनका बयान संसद की कार्यवाही का हिस्सा था, और संसदीय विशेषाधिकार के तहत सांसदों को अपने बयानों के लिए कानूनी कार्रवाई से छूट मिलती है। वकील ने यह भी तर्क दिया कि चूंकि विवादित बयान को संसद की प्रोसिडिंग से हटा लिया गया है, इसलिए इस आधार पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं बनती. कोर्ट ने इन दलीलों को स्वीकार करते हुए सुमन के खिलाफ दर्ज मामले को खारिज कर दिया. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, 'जब सांसद का बयान संसद की कार्यवाही से हटा लिया गया है, तो उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता.'
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