यूपी में चुनाव का मौसम हो और पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना का जिक्र न हो, ऐसा कैसे हो सकता है. पिछले दिनों राजा महेंद्र प्रताप सिंह यूनिवर्सिटी के शिलान्यास के वक्त जिन्ना का मुद्दा गरमाया था, तो इस बार यह अखिलेश के बहाने सामने आया है. रविवार को हरदोई में अपनी रैली को संबोधित करने के दौरान अखिलेश यादव गांधी, पटेल और नेहरू संग जिन्ना का भी नाम ले बैठे. असल में अखिलेश आजादी के आंदोलन के सेनानियों का जिक्र कर रहे थे. उनकी जुबान पर जिन्ना का नाम आते ही बीजेपी को बैठे-बिठाए एक मुद्दा मिल गया. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, मंत्री मोहसिन रजा समेत तमाम नेताओं ने अखिलेश पर हमला बोल दिया. अब इसपर समाजवादी पार्टी की तरफ से भी पलटवार देखने को मिला है. एसपी ने अटल-आडवाणी का नाम लेकर अब बीजेपी को घेरने की कोशिश की है.
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आइए आपको सबसे पहले बताते हैं कि अखिलेश यादव ने ऐसा क्या कह दिया है, जिसपर सियासी बवाल मचा हुआ है. अखिलेश यादव ने रविवार को हरदोई की एक जनसभा में मोहम्मद अली जिन्ना की, भारत की आजादी के लिए उनके योगदान की सराहना की थी। SP प्रमुख ने कहा कि…
सरदार वल्लभ भाई पटेल, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और (मोहम्मद अली) जिन्ना ने एक ही संस्थान से पढ़ाई की और बैरिस्टर बने और उन्होंने आजादी दिलाई. उन्हें आजादी के लिए किसी भी तरीके से संघर्ष करना पड़ा होगा तो पीछे नहीं हटे.
अखिलेश यादव
अखिलेश के भाषण का यह अंश सोशल मीडिया पर जल्द ही वायरल हो गया. बीजेपी नेताओं ने इस मौके को लपका और अखिलेश पर चौतरफा हमले शुरू हो गए. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने ट्वीट किया ” सरदार पटेल की जयंती पर अखिलेश यादव मोहम्मद अली जिन्ना का गुणगान क्यों कर रहे हैं.”
जल शक्ति मंत्री डॉक्टर महेंद्र सिंह ने अखिलेश यादव का वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया ” सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की जयंती के अवसर पर भी इनको अपने आदर्श ‘जिन्ना’ याद आ ही गए.”
भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सदस्य और उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक बृजलाल ने एक वीडियो जारी कर कहा ”सपा मुखिया अखिलेश यादव ने लौह पुरुष की तुलना जिन्ना से की है, अखिलेश यादव को पहले इतिहास पढ़ लेना चाहिए. जिन्ना ने हजारों हिंदुओं का कत्लेआम कराया और वह देश के बंटवारे के जिम्मेदार हैं.”
योगी सरकार के मंत्री मोहसिन रजा ने ट्वीट किया, ‘विभाजनकारी जिन्ना की विचारधारा राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी,सरदार पटेल, जवाहर लाल नेहरू की विचारधारा है कह कर अखिलेश जी ने देश के महापुरुषों का अपमान किया है तथा समय रहते देश को यह समझ लेना चाहिये कि “जिन्ना वाली आज़ादी” की माँग करने वाले हमारे देश मे कौन- कौन जिन्नावादी हैं जिन्हें जिन्ना के रिश्तेदारों से वोटों की आस है.’
बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा, “वो मुस्लिम तुष्टीकरण में इस कदर अंधे हो गए हैं कि जब सत्ता रहती है तो वह आतंकवादियों को छोड़ने की पैरवी करते हैं. आज जब वह सत्ता से बाहर हैं तो जिन्ना की पैरोकारी कर रहे हैं. महात्मा गांधी, सरदार वल्लभ भाई पटेल और पंडित नेहरू के बराबर वो मोहम्मद अली जिन्ना को देश की आजादी की लड़ाई का श्रेय दे रहे हैं. ये किस प्रकार की मानसिकता है? इस प्रकार की मानसिकता देश में स्वीकार नहीं की जाएगी. ये स्वीकार करना होगा कि मोहम्मद अली जिन्ना को इस देश के बंटवारे का खलनायक माना जाता है.”
अटल-आडवाणी का नाम लेकर अब एसपी ने किया पलटवार
बीजेपी की तरफ से तीखे हमलों के बाद अब अखिलेश यादव की तरफ से एसपी नेताओं ने भी पलटवार किया है. एसपी के डिजिटल मीडिया कोऑर्डिनेटर ने ट्वीट कर कहा है, ‘भाजपा के पितामह आडवाणी ने जिन्ना को सबसे अच्छा नेता बताया था और उनकी कब्र पर जाकर माथा टेका था, अटल ने मुशर्रफ को बिरयानी खिलाई थी, मोदी ने नवाज़ शरीफ़ के यहां जाकर माथा टेका था! ये हैं भाजपाइयों का पाकिस्तानी प्रेम!’
आपको बता दें कि हरदोई की रैली में अखिलेश यादव ने बिना नाम लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का भी जिक्र किया था. अखिलेश यादव ने कहा था, ‘अगर कोई विचारधारा (आरएसएस की) है जिस पर प्रतिबंध लगाया गया था तो वह लौह पुरुष सरदार पटेल थे जिन्होंने प्रतिबंध लगाने का काम किया था.” पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा ” आज, जो लोग देश को एकजुट करने की बात कर रहे हैं, वे आपको और मुझे जाति और धर्म के आधार पर विभाजित कर रहे हैं.’
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