यूपी के संगठन महामंत्री बनने के बाद धर्मपाल सिंह सैनी आज यानी 21 अगस्त को पहली बार पार्टी के पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. गाजियाबाद में होने वाली यूपी पश्चिम क्षेत्र की बैठक में धर्मपाल शामिल होंगे. औपचारिक रूप से यूपी बीजेपी में इस बैठक से उनका कामकाज शुरू होगा. बैठक में पश्चिम क्षेत्र और ब्रज क्षेत्र के सांसद, विधायक और पार्टी के पदाधिकारी शामिल होंगे.
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सुनील बंसल की जगह यूपी बीजेपी के संगठन महामंत्री की जिम्मेदारी संभालने वाले धर्मपाल आज औपचारिक रूप से यूपी में अपना कामकाज शुरू करेंगे. सबसे पहले वो पश्चिम क्षेत्र और ब्रज क्षेत्र की बैठक करेंगे. ये बैठक गाजियबाद में होगी, जिसमें धर्मपाल के अलावा दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक और यूपी बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी शामिल होंगे. इस बैठक में पश्चिम क्षेत्र और ब्रज क्षेत्र के सभी सांसद और विधायकों को भी बुलाया गया है.
इसके अलावा पार्टी के क्षेत्रीय पदाधिकारी और जिलों के पदाधिकारी (जिलाध्यक्ष और महामंत्री) भी शामिल होंगे. संगठन महामंत्री के रूप में धर्मपाल की पहली बैठक होने की वजह से ये परिचय बैठक भी होगी. हालांकि यूपी विधानसभा चुनाव से पहले जब दूसरे राज्यों के संगठन महामंत्रियों को यूपी में अलग अलग क्षेत्रों की जिम्मेदारी दी गई थी उसमें धर्मपाल को पश्चिम में संगठन में लगाया गया था.
आपको बता दें कि धर्मपाल खुद पश्चिमी यूपी के बिजनौर के रहने वाले हैं. साथ ही लंबे समय तक वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में पश्चिम क्षेत्र में काम करते रहे हैं. ऐसे में पश्चिम यूपी की राजनीति को लेकर भी उनकी पकड़ मानी जाती है. पहली बैठक होने की वजह से ये माना का रहा है कि धर्मपाल पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और दोनों डिप्टी सीएम की मौजूदगी में संगठन को औपचारिक रूप से समझने की शुरुआत करेंगे.
हालांकि, इस बैठक को परिचय बैठक बताया जा रहा है. पर बैठक ऐसे समय पर हो रही है जब नोएडा में रविवार को त्यागी समाज अपनी महापंचायत कर रहा है. इस दृष्टि से भी बीजेपी के रणनीतिकारों की नजर इस पर होगी. इस बैठक में गौतमबुद्ध नगर के सांसद महेश शर्मा भी शामिल होंगे.
बता दें कि महेश शर्मा को लेकर त्यागी समाज की नाराजगी को लेकर चर्चा में हैं. ऐसे में धर्मपाल के सामने संगठन में इस स्थिति से सबसे पहले निपटने की चुनौती भी है.
दरअसल धर्मपाल के सामने सबसे पहला टास्क यूपी में स्थानीय निकाय के चुनाव के रूप में होगा. इस साल के अंत में यूपी में होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव (local bodies election) होने हैं. ऐसे में सरकार और संगठन के प्रतिनिधियों में तालमेल और सांसदों और विधायकों को इसके लिए जिम्मेदार बनाने की दृष्टि से भी संगठन की थाह लेना नए संगठन महामंत्री के लिए जरूरी है. लेकिन अनौपचारिक रूप से मिशन 2024 की दृष्टि से रोड मैप पर मंथन होगा.
ऐसा माना जा रहा है कि यूपी बीजेपी पश्चिम क्षेत्र में किसान आंदोलन और सपा-RLD गठबंधन के बाद बीजेपी पहले से स्थानीय निकाय चुनाव की तैयारियों का आगाज करना चाहती है. इसको देखते हुए ये बैठक अहम है.
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