ज्ञानवापी परिसर में सर्वे करने गए फोटोग्राफर ने सुनाई वो कहानी जब उन्हें अंदर लगने लगा डर

ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कोर्ट कमिश्नर के सर्वे के दौरान हुई वीडियो रिकॉर्डिंग का एक्सक्लूसिव वीडियो सोमवार को लीक हो गया. इस बीच यूपी तक…

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ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कोर्ट कमिश्नर के सर्वे के दौरान हुई वीडियो रिकॉर्डिंग का एक्सक्लूसिव वीडियो सोमवार को लीक हो गया. इस बीच यूपी तक ने सर्वे के दौरान वीडियोग्राफी करने पर वीडियोग्राफर विभाष दुबे से खास बातचीत की है. खाबर में आगे जानिए विभाष दुबे ने क्या-क्या बताया.

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वीडियोग्राफर ने कहा,

“3 जगह ऐसी आईं, जहां शूट करना बहुत मुश्किल था. एक ऐसी तंग जगह थी जहां डेढ़ फीट जगह थी. पूरी टीम नही जा सकती थी, एक ही जा सकता था. मुझे बोला गया आप हल्के हो आप ही जाओ. हमें हाथ में कैमरा लिए पेट के बल अंदर जाना पड़ा. मैं अपने शरीर को खींचता हुआ अंदर घुसा, मेरी लाइट टूट गई, चश्मा टूट गया. डर लग रह था अंदर. मैं कोहनी के बल अंदर गया था. वहां जाकर देखा कि इतनी जगह थी, जहां सिर्फ बैठ सकते थे खड़े नहीं हो सकते थे.”

विभाष दुबे

उन्होंने आगे बताया, “अंदर भी वही कलाकृति थीं, जो बाहर थीं. स्वास्तिक, त्रिशूल. वह हिस्सा उत्तर की दीवार पर था, श्रृंगार गौरी के नजदीक. जिसे हम गर्भ गृह बोलते हैं, उसके नीचे और उससे पहले उत्तर की तरफ था, 10 बाए 10 का एरिया. वह आगे से बंद था…चुनवाया गया था. उसके आगे नहीं जा सकते थे.”

दुबे के अनुसार, “वजूखने के ठीक नीचे कोई नहीं जा पाया. वहां बंद दीवार थी विष्णु जैन (हिंदू पक्ष के वकील) उसी को हटाने की बात कर रहे हैं.”

विभाष दुबे ने बताया कि ‘वजूखाना 22 बाई 22 का एरिया है. पूरब की तरफ शौचालय है. आप दक्षिण की तरफ से पूरब की ओर जाएंगे, तो नीचे सीढियां हैं जहां बहुत बदबू आ रही थी. उसी दीवार को खोलने की बात हो रही है.’

वजूखाने में मिली आकृति को लेकर दुबे ने क्या कहा?

मस्जिद के वजूखाने में मिली आकृति को लेकर विभाष दुबे ने कहा, “अगर एक पक्ष बोल रहा है की वह फव्वारा है तो नीचे जाने को लेकर आपत्ति क्यों हो रही है? यह तो दोनो पक्षों के लिए अच्छी चीज है.”

दरअसल, वजूखाने में मिली आकृति को लेकर मतभेद है. एक तरफ हिंदू पक्ष इसे फव्वारा बता रहा है. वहीं मुस्लिम पक्ष का दावा है कि आकृति एक फव्वारा है.

विभाष दुबे ने बताया,

  • “गुंबद के नीचे एक और गुंबद है, जिसका आकार मस्जिद के शेप से कही अलग है.”

  • “दीवारों पर श्लोक लिखे हुए थे, साफ समझ आ रहा था.”

  • “एक बड़ा चैलेंज यह था कि जब गुंबद शूट कर रहे थे, तो एक वकील साहब थे उन्होंने मुझे कहा कि एक और जगह चलना है. ऊपर से नीचे उतरना था, जिसके नीचे गिरगिट दिख रहे थे. अंधेरा था.”

  • “अभी कई राज हैं, जहां अभी पहुंचना बाकी है.”

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