विश्व रेबीज दिवस स्पेशल: हमीरपुर-महोबा में हर साल इतने लोग होते हैं आवारा कुत्तों का शिकार

नाहिद अंसारी

• 04:34 AM • 28 Sep 2022

Bundelkhand News: यूपी में बुंदेलखंड के हमीरपुर और महोबा जिलों में आवरा और पालतू कुत्तों का बड़ा आतंक है. एक सरकारी आंकड़े के मुताबिक, दोनों…

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Bundelkhand News: यूपी में बुंदेलखंड के हमीरपुर और महोबा जिलों में आवरा और पालतू कुत्तों का बड़ा आतंक है. एक सरकारी आंकड़े के मुताबिक, दोनों जिलों में हर साल तकरीबन 16 हजार लोग कुत्तों के कटने का शिकार होकर घायल हो जाते हैं. कुत्तों के कटने का यह चौंकाने वाला आंकड़ा सरकारी जिला अस्पतालों का है, जहां कुत्ते के कटने के ARV (एंटी रेबीज वैक्सीन) इंजेक्शन फ्री में लगाए जाते हैं. हमीरपुर जिले में करीब आठ हजार लोगों को एक साल में ARV इंजेक्शन लगाए गए हैं, तो महोबा जिले में यह आंकड़ा और भी ज्यादा है. महोबा जिला अस्पताल में हर महीने करीब सात सौ लोगों को कुत्ते काटते हैं, जिन्हें ARV इंजेक्शन लगाए जाते हैं.

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हमीरपुर जिले में हर रोज करीब 20 लोग कुत्तों के काटने का शिकार होकर घायल हो जाते हैं और फिर जिला अस्पताल में ARV इंजेक्शन लगवाने आते हैं. हमीरपुर जिला अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर केके गुप्ता ने बताया की हर महीने करीब छह सौ लोगों को कुत्ता काटने के ARV इंजेक्शन लगाए जाते हैं.

सीएमएस ने बताया की कुत्ता काटने का ARV इंजेक्शन लगवाने आने वालों का आधार कार्ड की फोटो कॉपी लेकर उनका नाम पता रजिस्टर में दर्ज किया जाता है. कुत्ता काटने के मरीज को एक महीने में तीन इंजेक्शन लगाए जाते हैं. उन्होंने आगे बताया की जिला अस्पताल सहित जिले के सभी उच्चीकृत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पर्याप्त मात्रा में ARV इंजेक्शन उपलब्ध हैं, जो कुत्ता काटने वाले घायल मरीजों को मुफ्त में लगाए जाते हैं. सीएमएस ने बताया की कुत्ता काटने के शिकार ज्यादा तर बच्चे और बुजुर्ग बनते हैं, जिन्हें कुत्ते आसानी से काट लेते हैं.

आपको बता दें कि कुत्तों के कटने के बाद होने वाली रेबीज की बीमारी को रोकने के लिए हर साल 28 सितंबर को विश्व रेबीज दिवस मनाया जाता है. यह रेबीज दिवस, रेबीज का टीका विकसित करने वाले प्रसिद्ध जीव विज्ञानी लुई पाशचर की पुण्य तिथि पर मनाया जाता है.

अगर लखनऊ और नोएडा, गाजियाबाद में किसी एक व्यक्ति को कुत्ता काट लेता है तो हर तरफ हड़कंप मच जाता है. मगर बुंदेलखंड के हमीरपुर और महोबा जिलों में हर साल तकरीबन आठ-आठ हजार लोगों को कुत्तों के काटने से घायल होना पड़ता है, जिसकी चर्चा तक नहीं होती!

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