Ghaziabad Railway Station News: गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर हिंदू रक्षा दल के कार्यकर्ताओं ने प्लेटफॉर्म की दीवार पर बनी एक पेंटिंग पर कालिख पोत दी है. असल में उन्हें लगा कि ये पेंटिंग मुगल बादशाह औरंगजेब की है. अपना विरोध जताने के लिए उन्होंने कालिख पोती लेकिन असल में उनसे गलती हो गई और अब इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा. आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों से मुगल बादशाह औरंगजेब को लेकर चल रहे विवाद की एक झलक गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर भी देखने को मिली, पर इसमें एक ट्विस्ट आ गया.
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जब प्रशासन को घटना के बारे में पता चला, तब उन्होंने बताया कि पेंटिंग औरंगजेब की नहीं बल्कि बहादुर शाह जफर की है. रेलवे प्रशासन की तरफ से इस मामले को संज्ञान में लिया गया है और कहा जा रहा है कि जिसने भी ऐसा किया, उन पर कार्रवाई की जाएगी. उत्तरी रेलवे, दिल्ली संभाग के डिविजनल रेलवे मैनेजर ने कहा कि पेंटिंग औरंगजेब की नहीं थी, यह बहादुर शाह जफर की थी. किसी भी सार्वजनिक संपत्ति को खराब करना सही नहीं है और तदनुसार कार्रवाई की जाएगी.
औरंगजेब और बहादुर शाह जफर की तस्वीरों को लेकर इससे पहले भी कन्फ्यूजन हो चुकी है. छत्रपति संभाजीनगर जिले में मौजूद औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर महाराष्ट्र में पिछले महीने भारी विरोध प्रदर्शन देखने को मिला था. ऐसे ही एक विरोध में पुणे में पोस्टर जलाते समय औरंगजेब की जगह बहादुर शाह जफर का पोस्टर जला दिया गया था. इसी के साथ-साथ उस पर चप्पलों की माला भी चढ़ाई गई.
कौन हैं बहादुर शाह जफर?
बहादुर शाह जफर मुगल साम्राज्य के अंतिम सम्राट थे, जिन्होंने 1857 के भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उनका असली नाम अबू जफर सिराजुद्दीन मोहम्मद बहादुर शाह था. वे एक शायर, उदार प्रवृत्ति के शासक और सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध दिल्ली दरबार के अंतिम प्रतिनिधि माने जाते हैं. अंग्रेजों के खिलाफ बगावत के बाद उन्हें रंगून (वर्तमान म्यांमार) में निर्वासन में भेज दिया गया, जहां 1862 में उनका निधन हुआ. बहादुर शाह जफर को उनकी शायरी और धार्मिक सहिष्णुता के लिए भी याद किया जाता है.
औरंगजेब और बहादुर शाह जफर की पेंटिंग में फर्क कैसे पहचानें?
औरंगजेब और बहादुर शाह जफर दोनों मुगल राजा थे, लेकिन उनकी तस्वीरें यानी पेंटिंग एक जैसी नहीं होतीं. औरंगजेब की पेंटिंग में उन्हें अक्सर बहुत सादे कपड़ों में दिखाया जाता है, उनके चेहरे पर लंबी दाढ़ी होती है और चेहरा थोड़ा सख़्त या गंभीर दिखता है. वहीं, बहादुर शाह जफर की तस्वीरों में वे शाही कपड़ों में नजर आते हैं, जैसे कपड़ों पर जरी का काम, ताज पर मोती-जवाहरात, और कभी-कभी उनके हाथ में किताब या कलम भी होती है क्योंकि वे शायर भी थे. ज़फर की तस्वीरों में वे बूढ़े भी दिखते हैं, क्योंकि उनकी ज़्यादातर फोटो उस समय की हैं जब वे बुजुर्ग हो चुके थे. इन चीजों को देखकर पता लगाया जा सकता है कि तस्वीर में कौन है.
(इस खबर को यूपी Tak के साथ इंटर्नशिप कर रहे सिद्धार्थ मौर्य ने लिखा है.)
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