उत्तर प्रदेश के हापुड़ से एक ऐसी खबर सामने आई है, जो आम आदमी का सिस्टम और व्यवस्था पर भरोसा लौटाने उसे और मजबूत बनाने वाली है. असल में एक प्यारा वाकया घटा है ऐसे जरूरतमंद परिवार के साथ जो अपने मुखिया को खो चुका था. विधवा महिला ये नहीं सोच पा रही थी कि आगे का जीवन कैसे चलेगा, पैसे के अभाव में बच्चा कैसे पढ़ेगा. पर योगी आदित्यनाथ सरकार के निर्देश और हापुड़ के कलक्टर IAS अभिषेक पांडे की सक्रियता ने इस परिवार के चेहरे पर खुशियां बिखेल दी हैं.
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यह कहानी हापुड़ की बबिता की है. बबिता गांव शाहपुर जट्ट की रहने वाली हैं. पिछले दिनों वह अपने बच्चे के बेहतर भविष्य के लिए लखनऊ मे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जन सुनवाई तक पहुंची थीं. गुड न्यूज यह है कि उनकी सुनवाई हो चुकी है, नतीजे आ चुके हैं. असल में हापुड़ की इस गरीब महिला बबीता के पति का स्वर्गवास हो चुका है. घर में कोई कमाने वाला भी नहीं है और मकान भी जर्जर स्थिति में है. आर्थिक तंगी की वजह से वह अपने बच्चे को कक्षा दो में दाखिला दिलाने में भी असमर्थ थीं.
सीएम योगी को सुनाई अपनी व्यथाट
उन्होंने अपनी व्यथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सुनाई. सीएम योगी ने उनकी चिंता को देखकर तत्काल ऐक्शन के निर्देश दे दिए. इसके बाद आज पीड़ित महिला हापुड के डीएम अभिषेक पांडे से मिली. डीएम अभिषेक पांडे ने न केवल महिला की बात को गंभीरता से सुना बल्कि मानवता का परिचय देते हुए बच्चे की पढ़ाई के लिए एक बड़ा कदम उठाया. डीएम अभिषेक पांडे ने बच्चे की 10वीं कक्षा तक की फीस जमा कराने और मकान का पुनर्निर्माण कराने का अधिकारियों को निर्देश दे दिया. डीएम अभिषेक पांडे का यह फैसला उस बच्चे के लिए एक नई उम्मीद की किरण बनकर आया, जिसके लिए शिक्षा का रास्ता आर्थिक तंगी के कारण बंद होता नजर आ रहा था.
कौन हैं IAS अभिषेक पांडे?
अभिषेक पांडे साल 2016 बैच के IAS अधिकारी हैं. साल 1991 में जन्मे अभिषेक पांडे मूल रुप से यूपी के गोरखपुर जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने IIT रुड़की से बीटेक की पढ़ाई की है. अभिषेक इन दिनों हापुड़ में पोस्टेड हैं. बता दें कि अभिषेक हापुड़ से पहले मेरठ डेवलेपमेंट अथॉरिटी में बतौर वाइस चेयरमैन पोस्टेड थे. इससे पहले वो बुलंदशहर में चीफ डेवलपमेंट ऑफिसर के पद पर तैनात थे. वहीं साल 2017 से 2020 के बीच वह कुशीनगर और गाजीपुर जिले में भी पोस्टेड रह चुके हैं.
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