कल्कि के बाद अब शंभु... संभल में शुरू हुई नई कहानी पर SDM वंदना मिश्रा ने क्या-क्या बताया?

संभल में सनातन सेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने जिले का नाम बदलने और ऐतिहासिक स्थलों पर महापुरुषों की प्रतिमाएं लगाने की मांग उठाई है.

Sambhal News

अभिनव माथुर

• 06:43 PM • 11 Mar 2025

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संभल में सनातन सेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने जिले का नाम बदलने और ऐतिहासिक स्थलों पर महापुरुषों की प्रतिमाएं लगाने की मांग उठाई है. मंगलवार को संगठन के पदाधिकारियों ने संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा को मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें नगर का नाम बदलकर "शंभल नगरी" करने की अपील की गई है.

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क्यों उठी नाम बदलने की मांग?

सनातन सेवक संघ का दावा है कि हिंदू धर्मग्रंथों में वर्णित भगवान कल्कि अवतार का प्राकट्य स्थान संभल ही होगा. संगठन का कहना है कि भविष्य में जब भगवान कल्कि का अवतार होगा, तो उनके गुरु भगवान परशुराम होंगे. इसी के चलते संघ ने नगर के प्रमुख चौराहों पर भगवान परशुराम की प्रतिमा लगाने की मांग की है. साथ ही, संगठन ने सम्राट पृथ्वीराज चौहान की प्रतिमा को चंदौसी चौराहे पर स्थापित करने की अपील भी ज्ञापन में की है.

एसडीएम वंदना मिश्रा ने क्या कहा?

एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि सनातन सेवक संघ के प्रतिनिधियों ने ज्ञापन में नगर का नाम बदलने के साथ-साथ धार्मिक और ऐतिहासिक महापुरुषों की प्रतिमाएं स्थापित करने की मांग रखी है. उन्होंने कहा कि "संगठन द्वारा प्रस्तुत ज्ञापन को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा." 

आपको बता दें कि संभल ऐतिहासिक रूप से एक महत्वपूर्ण शहर रहा है. हालांकि, बीते वर्षों में यह नाम बदलने की मांग और धार्मिक विवादों के चलते सुर्खियों में रहा है. पिछले साल नवंबर में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हुए थे. यह सर्वे उस दावे के बाद किया गया था, जिसमें कहा गया था कि मस्जिद का निर्माण मुगलकाल में एक हिंदू मंदिर के अवशेषों पर किया गया था.

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