IIT कानपुर ने बनाया बारिश का फॉर्मूला, मेरठ से उड़े सेसना विमान ने दिल्ली के आसमान में किया ये कमाल

दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए कृत्रिम बारिश का पहला ट्रायल सफल. IIT-कानपुर के सहयोग से दिल्ली सरकार ने बुराड़ी, करोल बाग जैसे इलाकों में क्लाउड सीडिंग की. जानें कब होगी बारिश?

IIT Kanpur Cloud Seeding in Delhi.

सिमर चावला

28 Oct 2025 (अपडेटेड: 28 Oct 2025, 05:24 PM)

follow google news

IIT Kanpur Cloud Seeding in Delhi: दिल्ली की हवा साफ बनाने के लिए मंगलवार को वो ऐतिहासिक प्रयोग किया गया, जिसका काफी समाय से इंतजार था. दिल्ली सरकार ने IIT-कानपुर के साथ मिलकर आसमान में क्लाउड सीडिंग का पहला सफल ट्रायल पूरा कर लिया है. एक खास विमान ने दिल्ली के ऊपर बादलों में कुछ ऐसे रसायन छोड़े हैं, जिनके असर से अगले कुछ ही घंटों में कृत्रिम (आर्टिफिशियल) बारिश हो सकती है. अगर यह प्रयोग सफल रहा तो यह दिल्ली के प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में इसे काफी अहम माना जाएगा.

यह भी पढ़ें...

वीडियो में देखें कैसे हुई क्लाउड सीडिंग 

कैसे हुआ यह ऐतिहासिक ट्रायल?

मंगलवार को एक सेसना विमान ने कानपुर से उड़ान भरी और दिल्ली के आसमान में अपना मिशन शुरू किया. यह विमान मेरठ से होते हुए दिल्ली पहुंचा और यहां खेखड़ा, बुराड़ी, उत्तरी करोल बाग और मयूर विहार जैसे इलाकों के ऊपर लगभग आधे घंटे तक उड़ान भरता रहा. IIT कानपुर के अनुसार, यह ऑपरेशन लगभग 25 नॉटिकल मील लंबे और 4 नॉटिकल मील चौड़े गलियारे में किया गया. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि इस दौरान विमान से 8 फ्लेयर (रसायन से भरी मशालें) छोड़ी गईं. आईआईटी-कानपुर के विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस प्रक्रिया के 15 मिनट से लेकर 4 घंटे के भीतर बारिश हो सकती है. 

आगे क्या है सरकार का प्लान?

आज ही आउटर दिल्ली में दूसरा और तीसरा ट्रायल भी किया जाना है. सरकार की योजना अगले कुछ दिनों में ऐसे 9 से 10 ट्रायल करने की है. पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, "यह प्रदूषण कम करने के लिए सरकार का एक बहुत बड़ा कदम है.  अगर ट्रायल सफल होते हैं, तो हम एक दीर्घकालिक योजना तैयार करेंगे." आपको बता दें कि दिल्ली कैबिनेट ने 7 मई को ही 3.21 करोड़ रुपये की लागत से ऐसे पांच ट्रायल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. हालांकि, मौसम अनुकूल न होने और बादलों में 50% से कम नमी के कारण यह प्रोजेक्ट कई बार टलता रहा. ​

क्या है क्लाउड सीडिंग की तकनीक?

क्लाउड सीडिंग आर्टिफिशियल बारिश कराने की एक वैज्ञानिक तकनीक है. इसमें विमान के जरिए बादलों के ऊपर सिल्वर आयोडाइड और सोडियम क्लोराइड जैसे रसायनों का छिड़काव किया जाता है. ये रसायन बादलों में मौजूद नमी को भारी पानी की बूंदों में बदल देते हैं, जो बारिश के रूप में जमीन पर गिरती हैं. इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए रक्षा, गृह और पर्यावरण मंत्रालय समेत 10 से ज्यादा विभागों से मंजूरी ली गई है. अगर यह तकनीक दिल्ली में कारगर साबित होती है, तो यह प्रदूषण से जूझ रहे दूसरे शहरों के लिए भी एक उम्मीद बन सकती है. 

ये भी पढ़ें: IIT कानपुर से अब ऑनलाइन कर सकते हैं एमटेक, एमएससी और पीजी डिप्लोमा, जानिये पूरी प्रोसेस

    follow whatsapp