UP News: कानपुर में सोमवार को एक अजीबोगरीब घटना देखने को मिली, जब वंदे भारत एक्सप्रेस को एक लहंगे ने रोक दिया. जी हां, सही पढ़ा आपने! हवा में उड़कर ओवरहेड इलेक्ट्रिक (OHE) तारों में फंसे एक लहंगे ने ट्रेन की बिजली आपूर्ति को बाधित कर दिया, जिससे सुपरफास्ट वंदे भारत एक्सप्रेस को बीच रास्ते में ही रोकना पड़ा.
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क्या है पूरा मामला?
सोमवार को नई दिल्ली से प्रयागराज जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस (22436) कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर सुबह 10:30 बजे पहुंची. वहां से ट्रेन जब प्रयागराज के लिए रवाना हुई, तो करीब एक किलोमीटर आगे शांति नगर क्रॉसिंग के पास ट्रेन ड्राइवर ने देखा कि ओवरहेड इलेक्ट्रिक तारों में कोई कपड़ा फंसा हुआ है और उससे धुआं निकल रहा है. संभावित खतरे को देखते हुए ड्राइवर ने फौरन ट्रेन रोक दी और कंट्रोल रूम को सूचना दी.
स्टेशन अधीक्षक खुद पहुंचे मौके पर
कंट्रोल रूम से जानकारी मिलते ही कानपुर सेंट्रल के स्टेशन अधीक्षक अवधेश त्रिवेदी इलेक्ट्रिकल स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचे. जांच करने पर पता चला कि यह कपड़ा किसी का लहंगा था, जो तेज हवा में उड़कर रेलवे लाइन के बिजली के तारों में फंस गया था.
20 मिनट तक रुकी रही वंदे भारत
रेलवे इलेक्ट्रिकल टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए लहंगे को तारों से हटाया और लाइन क्लियर की. इस पूरी प्रक्रिया में करीब 20 मिनट का समय लग गया, जिसके बाद ट्रेन को दोबारा रवाना किया गया.
रेलवे का क्या कहना है?
इस घटना को लेकर कानपुर सेंट्रल के सीटीएम आशुतोष सिंह ने बताया कि ट्रेन के ड्राइवर ने जब इलेक्ट्रिक लाइन में कपड़ा फंसा देखा, तो सुरक्षा कारणों से ट्रेन रोक दी गई. कपड़ा हटाने के बाद ही लाइन को चालू किया गया और ट्रेन को आगे बढ़ाया गया.
कैसे फंसा लहंगा तारों में?
शांति नगर क्रॉसिंग के आसपास बड़े-बड़े मकान बने हैं, जहां रहने वाले लोग अक्सर अपने कपड़े छज्जों पर सुखाते हैं. माना जा रहा है कि किसी का लहंगा तेज हवा में उड़कर ओएचई लाइन में फंस गया था, जिससे यह अजीबोगरीब स्थिति बनी.
रेलवे प्रशासन के लिए एक सबक
हालांकि, यह मामला थोड़ा हास्यप्रद जरूर लग सकता है, लेकिन यह रेलवे प्रशासन के लिए एक गंभीर चेतावनी भी है. छोटी-छोटी लापरवाहियां भी बड़ी दुर्घटनाओं का कारण बन सकती हैं. अगर ट्रेन ड्राइवर समय पर सतर्क न होता, तो यह हादसा खतरनाक भी हो सकता था.
क्या करें यात्री और स्थानीय लोग?
रेलवे ट्रैक और ओएचई तारों के आसपास रहने वाले लोगों को अपने कपड़ों को ठीक से टांगने या सुरक्षित जगह पर सुखाने की आदत डालनी चाहिए, ताकि ऐसी घटनाएं न हों.
रेलवे को भी इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सावधानी बरतनी होगी और सार्वजनिक जागरूकता अभियान चलाना होगा.
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