HURL: गोरखपुर में 7 दिसंबर को CM योगी के ‘ड्रीम प्रोजेक्ट’ का लोकार्पण करेंगे PM, जानें

नीम कोटेड यूरिया से खेतों में हरियाली बढ़ाने और करीब दस हजार प्रत्यक्ष-परोक्ष रोजगार की संभावनाओं के साथ गोरखपुर में खाद कारखाना बनकर पूरी तरह…

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नीम कोटेड यूरिया से खेतों में हरियाली बढ़ाने और करीब दस हजार प्रत्यक्ष-परोक्ष रोजगार की संभावनाओं के साथ गोरखपुर में खाद कारखाना बनकर पूरी तरह तैयार है. आपको बता दें कि सात दिसंबर, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गोरखपुर के खाद कारखाने का लोकार्पण करेंगे.

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वहीं, बुधवार को खाद कारखाने की स्थापना और संचालन करने वाली कंपनी हिंदुस्तान उर्वरक और रसायन लिमिटेड (HURL) के प्रबंध निदेशक एके गुप्ता ने उद्घाटन कार्यक्रम की औपचारिक घोषणा भी कर दी. इस खाद कारखाने से केवल उत्तर प्रदेश और अन्य सीमाई राज्यों को पर्याप्त उर्वरक की उपलब्धता ही सुनिश्चित नहीं होगी बल्कि इससे खाद आपूर्ति के मामले में आयात पर निर्भरता कम होगी.

गोरखपुर का खाद कारखाना है सीएम योगी का ‘ड्रीम प्रोजेक्ट’

गोरखपुर का खाद कारखाने को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ‘ड्रीम प्रोजेक्ट’ माना जाता है. इसके लिए वह बतौर सांसद वह 19 सालों तक संघर्षरत रहे. 1998 से लेकर मार्च 2017 तक उनके संसदीय कार्यकाल में कोई भी ऐसा सत्र नहीं रहा जिसमें उन्होंने इसके लिए अपनी आवाज बुलंद न की हो. योगी की पहल और उनकी पुरजोर मांग पर 22 जुलाई 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी आधारशिला रखी थी. अब उन्हीं के हाथों सात दिसंबर को इसका उद्घाटन होने जा रहा है.

गोरखपुर के खाद कारखाने की स्थापना और संचालन की जिम्मेदारी HURL ने निभाई है. HURL एक संयुक्त उपक्रम है, जिसमें कोल इंडिया लिमिटेड, एनटीपीसी, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लीड प्रमोटर्स हैं, जबकि इसमें फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और हिंदुस्तान फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन लिमिटेड भी साझीदार है.

आपको बता दें कि गोरखपुर खाद कारखाने के निर्माण में करीब 8000 करोड़ रुपये की लागत आई है. इस खाद कारखाने की उत्पादन क्षमता प्रतिदिन 3850 मीट्रिक टन और प्रतिवर्ष 12.7 लाख मीट्रिक टन की है. ऐसा कहा जा रहा है कि गोरखपुर खाद कारखाने में बना प्रीलिंग टावर विश्व में सबसे ज्यादा ऊंचा है. एक खास बात यह भी है कि इस खाद कारखाना में 30 फीसद से ज्यादा पूर्वांचल के युवाओं को नौकरी दी गई है, इनमें लड़कियों की संख्या ज्यादा है.

1990 में बंद हो गया था पुराना खाद कारखाना

गोरखपुर में 1968 में स्थापित फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के खाद कारखाने को 1990 में हुए एक हादसे के बाद बंद कर दिया गया. एक बार यहां की मशीनें शांत हुईं तो तरक्की से जुड़ी उनकी आवाज को दोबारा सुनने की दिलचस्पी सरकारों ने नहीं दिखाई.

केंद्रीय नेता देते रहे हैं सीएम योगी को श्रेय

चार मार्च को गोरखपुर खाद कारखाने का निरीक्षण करने आए तत्कालीन केंद्रीय उर्वरक और रसायन मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने कहा था कि गोरखपुर में खाद कारखाने को स्थापित करने की पहल सांसद के रूप में योगी आदित्यनाथ ने ही की थी. उन्होंने सीएम योगी की इस बात की भी सराहना की थी कि मुख्यमंत्री बनने के बाद पहले दिन से ही उन्होंने खाद कारखाने से जुड़ी हर मांग स्वीकार कर कार्य को आगे बढ़ाया. वहीं, अक्टूबर माह में वर्तमान केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने भी कारखाने की प्रगति जानने के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना की थी.

गोरखपुर खाद कारखाना: एक नजर में

  • शिलान्यास- 22 जुलाई 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों

  • संचालनकर्ता- हिंदुस्तान उर्वरक और रसायन लिमिटेड

  • कुल बजट- करीब 8000 करोड़ रुपये

  • यूरिया प्रकार- नीम कोटेड

  • प्रीलिंग टावर- 149.5 मीटर ऊंचा

  • रबर डैम का बजट- 30 करोड़

  • रोजगार प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष- 10 हजार

  • रोजाना यूरिया उत्पादन- 3850 मीट्रिक टन

  • रोजाना लिक्विड अमोनिया उत्पादन- 2200 मीट्रिक टन

एम्स और आरएमआरसी की नौ लैब का भी लोकार्पण करेंगे पीएम

हिंदुस्तान उर्वरक और रसायन लिमिटेड के गोरखपुर खाद कारखाने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात दिसंबर को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज स्थित रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (आरएमआरसी) की अत्याधुनिक हाईटेक नौ लैब का भी लोकार्पण करेंगे. उम्मीद जताई जा रही है कि पीएम मोदी खाद कारखाने का हवाई सर्वेक्षण भी कर सकते हैं.

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