Bareilly Conversion Case: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है जिसमें एक नेत्रहीन प्रोफेसर को धोखे से जबरन धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश की गई. आरोप है कि प्रोफेसर को मदरसे में ले जाकर उसका खतना कराने और नाम बदलकर 'हामिद' रखने की पूरी तैयारी थी. लेकिन ऐन वक्त पर पुलिस ने दबिश देकर साजिश को विफल कर दिया. इस पूरे मामले में बरेली पुलिस की सख्त कार्यशैली और एसपी साउथ अंशिका वर्मा की सक्रिय भूमिका की सराहना हो रही है. क्या है पूरा मामला आगे खबर में जानिए.
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नेत्रहीन प्रोफेसर को जाल में फंसाया
अलीगढ़ के महुआखेड़ा क्षेत्र की रहने वाली अखिलेश कुमारी ने अपने बेटे प्रभात उपाध्याय की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. आपको बता दें कि प्रभात जन्म से नेत्रहीन हैं लेकिन मेहनत के दम पर उन्होंने AMU से एमफिल और हैदराबाद यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर राजकीय इंटर कॉलेज में प्रोफेसर की नौकरी पाई. मां ने बताया कि उनका बेटा 15 अगस्त से लापता था.
मदरसे में चल रही थी खतने की प्रक्रिया
इस केस में सबसे चौंकाने वाली बात तब सामने आई जब बरेली के एक मदरसे में पुलिस ने रेड की. बता दें कि जांच के दौरान पाया गया कि उस मदरसे में प्रभात उपाध्याय का खतना कराने की प्रक्रिया चल रही थी ताकि उसके धर्मांतरण को ‘पूरा’ माना जा सके. यही नहीं, उसे नया नाम 'हामिद' देने की भी पूरी तैयारी थी. समय रहते पुलिस ने कार्रवाई की और पूरी प्रक्रिया को रोक दिया. इस दौरान कई दस्तावेज और धर्म परिवर्तन से जुड़ा सामग्री बरामद हुई.
क्या कहा एसपी अंशिका वर्मा ने
इस पूरे ऑपरेशन में एसपी साउथ अंशिका वर्मा ने अहम भूमिका निभाई. प्रभात की मां की शिकायत मिलते ही उन्होंने एक विशेष टीम गठित की और बरेली के भुता क्षेत्र में मदरसे पर दबिश दी. कार्रवाई के दौरान अब्दुल मजीद, सलमान आरिफ और फहीम नाम के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. एसपी अंशिका वर्मा ने बताया कि यह कोई एकल घटना नहीं बल्कि संगठित गिरोह का हिस्सा है जो आर्थिक और मानसिक रूप से कमजोर लोगों को निशाना बनाता है. गिरोह पहले लोगों को विश्वास में लेता, फिर शादी, नौकरी और आर्थिक मदद का लालच देकर उनका धर्म परिवर्तन कराता.
एसपी अंशिका वर्मा ने प्रेस वार्ता में बताया कि इस गिरोह का नेटवर्क बरेली तक सीमित नहीं है. यह देश के अन्य राज्यों में भी फैला हुआ है. कई और संदिग्धों की पहचान की जा चुकी है और जल्द ही अधिक गिरफ्तारियां हो सकती हैं.
कैसे किया गया ब्रेनवॉश
पूरे मामले की जांच में पुलिस को प्रभात उपाध्याय के पास से धार्मिक पुस्तकें, जाकिर नाइक की सीडी और धर्मांतरण से जुड़े प्रमाण पत्र मिले. साथ ही आरोपी सलमान के 12 बैंक खातों और अब्दुल मजीद के खातों से 2000 से अधिक संदिग्ध ट्रांजैक्शन का पता चला है. पुलिस मान रही है कि इस फंडिंग का इस्तेमाल मदरसों और धर्मांतरण गतिविधियों के लिए किया जा रहा था.
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