बदायूं से शिवपाल ही लड़ेंगे चुनाव या होगी धर्मेंद्र की वापसी? चाचा के मन में क्या चल रहा, समझिए

अंकुर चतुर्वेदी

13 Mar 2024 (अपडेटेड: 13 Mar 2024, 04:24 PM)

यूपी में कई हाई प्रोफाइल सीट हैं, जिनमें बदायूं भी शामिल है. साल 2019 तक यह सीट सपा का गढ़ मानी जाती थी. मगर...

UPTAK
follow google news

Badaun News: आगामी लोकसभा चुनाव में अब कम ही वक्त बचा है. बात अगर उत्तर प्रदेश की करें तो यहां विपक्षी पार्टियों का समूह INDIA (Indian National Developmental Inclusive Alliance) आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले NDA के खिलाफ सियासी बिसात बिछा रहा है. यूपी में कई हाई प्रोफाइल सीट हैं, जिनमें बदायूं भी शामिल है. साल 2019 तक यह सीट सपा का गढ़ मानी जाती थी. मगर 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां भाजपा ने सपा के किले में सेंध लगाई और संघमित्रा मौर्य ने धर्मेंद्र यादव को चुनाव हरा दिया था. इस बार फिर यह सीट चर्चा में आ गई है. 

यह भी पढ़ें...

फिर से बदायूं में होगी धर्मेंद्र की वापसी?

दरअसल, 30 जनवरी को पहली लिस्ट में बदायूं से धर्मेंद्र यादव का नाम घोषित कर सपा चुनावी तैयारियों में आगे निकल गई थी. मगर 20 फरवरी को सपा द्वारा जारी दूसरी सूची में बदायूं से धर्मेंद्र यादव का टिकट काट कर शिवपाल सिंह यादव को प्रत्याशी बनाया गया. मगर प्रत्याशी बनाए जाने के बाद ही शिवपाल सिंह यादव द्वारा अभी तक बदायूं न आने पर धर्मेंद्र यादव के वापस यहां से प्रत्याशी होने की खबरों को हवा मिल रही है.

सपा के बदायूं जिलाध्यक्ष ने ये बताया

मालूम हो कि शिवपाल यादव के अस्वस्थ होने की खबरों के बाद उनके स्थान पर उनके बेटे आदित्य यादव बदायूं के चुनाव की कमान संभालने 9 मार्च को आने वाले थे, लेकिन उनका कार्यक्रम भी अपरिहार्य कारणों से निरस्त हो गया. मगर आज (बुधवार) सुबह शिवपाल यादव का 3 दिन का बदायूं लोकसभा का कार्यक्रम जारी किया गया. शिवपाल यादव के कार्यक्रम के संबंध में बदायूं के सपा जिलाध्यक्ष आशीष यादव ने यूपी Tak से कहा कि 'समाजवादी पार्टी चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है. शिवपाल यादव ही अधिकृत प्रत्याशी हैं.'

बदायूं से चुनाव नहीं लड़ना चाहते शिवपाल?

सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा है कि शिवपाल यादव बदायूं से चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं. सियासी जानकारों की मानें तो शिवपाल का ऐसा मानना है कि उन्हें दिल्ली (केंद्र) की राजनीति रास नहीं आती है और वह फिलहाल प्रदेश की सियासत करना चाहते हैं. अब आने वाला वक्त ही बताएगा कि भतीजे अखिलेश यादव (सपा चीफ) निर्देश चाचा शिवपाल मानते हैं या नहीं.

    follow whatsapp
    Main news