कैराना से सपा प्रत्याशी इकारा हसन का ये बयान चर्चा में, मुस्लिमों को लेकर क्या ही कह दिया

शरद मलिक

• 08:33 AM • 27 Mar 2024

सपा ने आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर से कैराना से इकरा हसन को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. दिवंगत पूर्व सांसद मुनव्वर हसन की बेटी इकरा इस बीच अपने एक बयान के चलते सुर्खियों में आ गई हैं.

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Ikra Hasan News: समाजवादी पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर से कैराना से इकरा हसन को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. दिवंगत पूर्व सांसद मुनव्वर हसन की बेटी इकरा इस बीच अपने एक बयान के चलते सुर्खियों में आ गई हैं. बता दें कि इकरा हसन अपने लोकसभा क्षेत्र स्थित गंगोह में चुनावी सभा को संबोधित कर रही थीं, जहां उन्होंने एक विवादित बयान दे दिया. इकरा ने कहा कि अगर भाजपा अपनी सरकार बनाती है तो देश में मुस्लिमों को दूसरे नंबर का दर्जा दिया जाएगा.

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क्या कहा इकरा हसन ने?

बता दें कि शनिवार को समाजवादी पार्टी की कैराना लोकसभा सीट से प्रत्याशी इकरा हसन ने क्षेत्र के गंगोह में एक चुनावी सभा को संबोधित किया. यहां उन्होंने एक विवादित बयान दिया. उन्होंने कहा कि 'देश के हालात ठीक नहीं चल रहे हैं. अगर भाजपा 400 सीटे जीतकर देश में सरकार बनाती है तो मुस्लिमों को दूसरे नंबर का दर्जा दिया जाएगा.' मालूम हो कि इकरा अपने इस बयान के बाद सुर्खियों में आ गई हैं.

कौन हैं इकरा हसन?

 इकरा हसन दिवंगत पूर्व सांसद मुनव्वर हसन की बेटी हैं. इकरा हसन के भाई नाहिद हसन कैराना विधानसभा सीट से सपा विधायक हैं. 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान नाहिद हसन जेल में थे. उस दौरान इकरा हसन ने ही भाई के चुनावी प्रचार का जिम्मा संभाला और उन्हें जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई.  

इकरा हसन ने लंदन से की है पढ़ाई 

इकरा हसन को राजनीति विरासत में मिली. उनके दादा अख्तर हसन 1984 में कैराना लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में विजयी हुए थे. उनके पिता लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा और विधान परिषद यानी चारो सदनों के सदस्य रह चुके हैं. इसके लिए उनका नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया था. इकरा हसन ने लंदन से पढ़ाई की है. 

इकरा की मां कैराना से रह चुकी हैं सांसद

इकरा हसन की मां तबस्सुम हसन एक बार बसपा, एक बार सपा रालोद गठबंधन से कैराना लोकसभा की संसद रह चुकी हैं. माना जा रहा है कि इस सीट पर इकरा हसन अपने प्रतिद्वंद्वी को कड़ी टक्कर देने में सक्षम हैं, क्योंकि इस सीट पर मुसलमानों की खासी संख्या है. पिछले लोकसभा चुनाव में सपा-रालोद-बसपा गठबंधन के बावजूद यह सीट भाजपा के प्रदीप चौधरी ने जीत ली थी. 

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