घूंघट की आड़ से सपनों के दीदार तक...यूपी में आधी आबादी को टिकट देने में राजनीतिक दल दिखा रहे कंजूसी

रजत कुमार

14 Apr 2024 (अपडेटेड: 14 Apr 2024, 05:48 PM)

पश्चिमी देशों से अलग भारत ने सभी को वोटिंग का अधिकार दिया था, लेकिन ग्रामीण इलाकों की महिलाएं वोट करने निकलेंगी? ये सबसे बड़े सवालों में से एक था.

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Uttar Pradesh News : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से करीब एक घंटे का सफर करने के बाद जयापुर गांव आता है. 2014 में पहली बार दिल्ली की सत्ता संभालने वाले पीएम मोदी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना की शुरूआत की और इसके तहत खुद जयापुर गांव को गोद लिया. साल 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान जब मैं, जयापुर गांव के दलित बस्ती में गया तो वहां कैमरे और माइक को देखने के लिए एकतरह से बच्चों का जमघट लग गया. टूटी सड़क के एक तरफ हाथ हिलाते बच्चे थे, तो दूसरी तरफ घूंघट ओढ़े कुछ महिलाएं थीं. जब उन महिलाओं चुनाव के बारे में बातचीत की तो उन्होंने बिना झिझक बताया कि उन्हें कौन सा नेता पसंद है और वोट किसे देंगी. 

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देश का पहला चुनाव और महिलाएं

हमारे पास टाइम मशीन तो नहीं है पर किताबों के माध्यम से हम, 72 साल पीछे जा सकते हैं. साल 1952 था, आजादी को मिले पांच साल से ज्यादा का वक्त बीता था और देश अपने पहले आम चुनाव के दहलीज पर था. पश्चिमी देशों से अलग भारत ने सभी को वोटिंग का अधिकार दिया था पर ग्रामीण इलाकों की महिलाएं वोट करने निकलेंगी ये सबसे बड़े सवालों में से एक था. रामचंद्र गुहा अपनी किताब 'इंडिया आफ़्टर गांधी' में लिखते हैं, भारत के पहले चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन के सामने सबसे बड़ी समस्या थी महिला वोटरों का नाम मतदाता सूची में जोड़ना. बहुत सी महिलाओं को अपना नाम बताने में झिझक थी. वो अपने आप को किसी की बेटी या किसी की पत्नी कहलाना अधिक पसंद करती थीं. चुनाव आयोग का प्रयास था कि हर मतदाता का नाम मतदाता सूची में लिखा जाए. इसका परिणाम ये हुआ कि करीब 80 लाख महिलाओं का नाम मतदाता सूची में नहीं लिखा जा सका पर महिलाओं ने किसी उत्सव के तरह मतदान में भाग लिया.

टिकट देने में कंजूसी 

वहीं 1952 के चुनाव के बाद घूंघट की ओट को पीछे छोड़ चुकी महिलाओं की भागीदारी हर क्षेत्र में बढ़ी है. पर देश की सबसे बड़ी पंचायत में आधी आबादी की संख्या उतनी ही है जितनी नेताओं के चुनावी वादों में सच्चाई. सभी दल, महिलाओं को आगे बढ़ाने के दावे करते हैं पर जब चुनाव में महिलाओं को टिकट देने की बारी आती है तो सभी दल उसमें कंजूसी दिखाते हैं. इस लोकसभा चुनाव में भी पार्टियों के दावों की असलियत सामने आ रही है, खासकर सदन में सबसे ज्यादा सांसद भेजने वाले उत्तर प्रदेश से.

सदन की ऐसी थी तस्वीर

बता दें कि 17वीं लोकसभा में  देश की सबसे बड़ी पंचायत में 11 महिला सांसद यूपी का प्रतिनिधित्व कर रही थी.  इनमें से भाजपा की सर्वाधिक आठ महिला सांसद चुनी गई थीं. वहीं, अपना दल (एस) कांग्रेस और बसपा की एक-एक महिला प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है. 2014 के लोकसभा चुनाव में यूपी से 13 महिला सांसद चुनी गई थीं. वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में यूपी में टिकट बंटवारे की बात करें तो प्रमुख दलों में कांग्रेस ने 12, भाजपा ने 10, अपना दल (एस) ने एक, सपा ने 6 और बसपा ने 4 महिला प्रत्याशियों को टिकट दिया था. 

मिजोरम में चुनाव प्रचार करती महिलाएं

यूपी में बढ़ीं महिला वोटर

चुनाव आयोग के मुताबिक यूपी की नई वोटर लिस्ट में कुल मतदाताओं की संख्या 15.29 करोड़ है, इसमें से 7.15 करोड़ महिला वोटर हैं. करीब 31.24 लाख नई महिला मतदाताओं को जोड़ा गया है. वहीं  सीएसडीएस के आंकड़ों के मुताबिक  2019 के लोकसभा चुनाव में यूपी में महिला वोटरों की संख्या 6.70 करोड़ (45.89 प्रतिशत) थी. इनमें से करीब 3.99 करोड़ महिलाओं (46.16 प्रतिशत) ने मतदान किया था. वहीं देश में भाजपा को 51 प्रतिशत महिलाओं ने वोट दिया था. 

आधी आबादी को अब भी है इंतजार

2024 के चुनावी जंग का सबसे बड़ा मैदान बनने वाले उत्तर प्रदेश में सभी प्रमुख पार्टियों ने 70 फीसदी से ज्यादा सीटों पर अपने उम्मीदवारों का एलान कर दिया है. पर इन उम्मीदवारों में महिलाओं की भागीदारी काफी कम है. समाजवादी पार्टी ने यूपी में 55 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का एलान किया है जिसमें 9 महिलाओं को टिकट दिया है. वहीं भाजपा ने यूपी में 71 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का एलान किया है, उसमें से मात्र सात महिलाओं को ही टिकट दिया है. वहीं यूपी में 17 सीटों पर चुनाव लड़ रही कांग्रेस ने 14 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का नामों का एलान किया है, इसमें मात्र एक महिला प्रत्याशी को टिकट दिया है. कांग्रेस ने गाजियाबाद से डॉली शर्मा को टिकट दिया है.  वहीं बसपा ने अबतक तीन महिला उम्मीदवारों के नामों का एलान किया है.

सपा ने किसे कहां से दिया टिकट

  • मैनपुरी - डिंपल यादव
  • गोरखपुर - काजल निषाद 
  • हरदोई - उषा वर्मा 
  • कैरान - इकरा हसन 
  • मुरादाबाद - रुचि वीरा
  • मेरठ - सुनीता वर्मा 
  • मछलीशहर - प्रिया सरोज 
  • गोंडा - श्रेया वर्मा 
  • उन्नाव - अनु टंडन

भाजपा ने किसे बनाया उम्मीदवार

बीजेपी ने यूपी की 51 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. इसमें बीजेपी ने सिर्फ 5 सीटों पर महिलाओं को टिकट दिया है.  बीजेपी ने अमेठी से स्मृति ईरानी, धौरहरा से रेखा वर्मा, मथुरा से हेमा मालिनी, फतेहपुर से साध्वी निरंजन ज्योति और लालगंज सीट से नीलम सोनकर को प्रत्याशी बनाया है. वहीं अपनी दूसरी लिस्ट में भाजपा ने सुल्तानपुर से मेनका गांधी और बाराबंकी से राजरानी रावत को टिकट दिया. इस तरह टिकट बंटवारे में महिलाओं की हिस्सेदारी पुरुषों की तुलना में बेहद कम है. 
 

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