Pilibhit Lok Sabha exit poll 2024: पीलीभीत का एग्जिट पोल, जितिन प्रसाद जीत रहे या सपा भारी?

Pilibhit Lok Sabha exit poll 2024 : उत्तर प्रदेश के हॉट सीटों में से एक पीलीभीत के नतीजों पर सबकी निगाहें बनी हुईं हैं. भारतीय जनता पार्टी ने यहां इस बार मौजूदा सांसद वरुण गांधी को बिठाकर यूपी के मंत्री जितिन प्रसाद पर दांव लगाकर बड़ा जोखिम लिया है.

Pilibhit Lok Sabha exit poll 2024

सौरभ पांडेय

01 Jun 2024 (अपडेटेड: 01 Jun 2024, 06:59 PM)

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Pilibhit Lok Sabha exit poll 2024 : उत्तर प्रदेश के हॉट सीटों में से एक पीलीभीत के नतीजों पर सबकी निगाहें बनी हुईं हैं. भारतीय जनता पार्टी ने यहां इस बार मौजूदा सांसद वरुण गांधी को बिठाकर यूपी के मंत्री जितिन प्रसाद पर दांव लगाकर बड़ा जोखिम लिया है. वरुण से पहले उनकी मां मेनका गांधी यहां का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं. समाजवादी पार्टी ने यहां ओबीसी भगवंत शरण गंगवार पर दांव लगाकर बीजेपी की दाल नहीं गलने देने की ठानी है. लेकिन, बसपा के अनिस अहमद खान को मैदान में उतारा है. नतीजों से पहले जानिए पीलीभीत के पत्रकारों से वहां एग्जिट पोल. 

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पीलीभीत का मुकाबला 50-50

पीलीभीत के वरिष्ठ पत्रकार संदीप दादा ने बताया कि,  'पीलीभीत का मुकाबला बिलकुल 50-50 का है. भाजपा के पास पीलीभीत में विकास के नाम पर कुछ गिनाने को नहीं है. मेनका गांधी और वरुण गांधी ने पीलीभीत में बहुत ज्यादा विकास के नाम पर कुछ किया नहीं है. भाजपा ने जितिन प्रसागद पीलीभीत के पड़ोसी जिले के हैं पर वो यहां की जनता कनेक्ट नहीं कर पाए हैं. सपा ने अपना उम्मीदवार को बहुत सोच समझकर भगवत शरण गंगवार को मैदान में उतारा है, वो कुर्मी बिरादरी से आते हैं. मुकाबला कांटे है हो सके तो भाजपा को यहां से झटका खाना पड़े.'

35 सालों में पहली बार दिखा ऐसा हाल

वहीं स्थानीय पत्रकार अमिताभ ने बताया कि, 'पीलीभीत में इस चुनाव में जिस तरह से मतों का विभाजन हुआ है, उसे देखकर कोई कह नहीं सकता है कि कौन प्रत्याशी जीत रही है. पिछले 35 सालों में मैं पहली बार देख रहा हूं कि कुर्मी से लेकर लोध राजपूत तक के मतों में विभाजन हुआ है. एक तरफा वोट भाजपा को जाता नहीं दिखा है. बसपा प्रत्याशी के रेस में ना होने की वजह से सपा के लिए ये सीट एज लेती हुई दिख रही है.'

स्थानीय पत्रकार साकेत ने बताया कि, 'जितिन प्रसाद एक वीआईपी नेता माने जाते हैं, उनका जनता से जुड़ाव नहीं रहा है. पर मतदान के दौरान महिलाओं ने मोदी के नाम पर खुलकर वोट किया है. यहां का चुनाव जरूर फंसा हुआ है पर महिला फैक्टर बड़ा होने वाला.'

मेनका-वरुण के ना रहने से मुश्किल में भाजपा

वरिष्ठ पत्रकार केशव मिश्रा ने बताया कि, '1989 से जब से मेनका गांधी और वरुण गांधी जब से चुनाव यहां से लड़ते आए हैं तब से ये तय होता था कि ये दोनों लोग तो जीत ही गए हैं पर जीत का मार्जीन कितना होगा.पर इस चुनाव में ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला है. पीलीभीत में चुनाव कांटे का रहा है. वरुण गांधी के टिकट कटने के बाद कई स्थानीय भाजपा नेता रेस में थे पर प्रत्याशी बनाया गया बाहरी को. इस बात का भी भाजपा पर असर पड़ा है, टिकट के रेस में लगे भाजपा नेताओं के भितरघात कर सकते हैं. वहीं सपा प्रत्याशी को मुस्लिम यादव के साथ कुर्मी बिरादरी का वोट काफी मिला है. कुल मिलाकर देखें तो  सपा प्रत्याशी एज लेते हुए दिख रहे हैं.'

2019 के ऐसे थे नतीजे 

पार्टी प्रत्याशी  वोट 
भाजपा   वरुण गांधी 704,549    
सपा +भाजपा हेमराज वर्मा 4,48,922
नोटा   9.973
हार-जीत का अंतर   2,55,627

नोट: यह महज एग्जिट पोल और पत्रकारों के आकलन का दावा है. 4 जून को इस सीट पर नतीजे इससे अलग भी हो सकते हैं.

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