मां मेनका को मिला सुल्तानपुर से टिकट पर बेटे वरुण गांधी का कटा पीलीभीत से पत्ता, क्या होगा आगे?

आयुष अग्रवाल

24 Mar 2024 (अपडेटेड: 24 Mar 2024, 10:47 PM)

भाजपा ने सुल्तानपुर से मां मेनका गांधी को टिकट दे दिया तो वहीं पीलीभीत से बेटे वरुण गांधी का टिकट काट दिया. अब सवाल ये है कि वरुण गांधी आगे क्या करेंगे?

मेनका गांधी और वरुण गांधी

maneka gandhi Varun Gandhi

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UP News: भारतीय जनता पार्टी ने अपनी बहुप्रतीक्षित लोकसभा उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट पर सभी की नजर थी. दरअसल मेरठ, गाजियाबाद, सुल्तानपुर, बरेली, पीलीभीत समेत यूपी की कई ‘हॉट’ सीटों पर उम्मीदवारी का ऐलान होना था. सबसे ज्यादा नजर सुल्तानपुर और पीलीभीत लोकसभा सीट पर थी.   

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दरअसल माना जा रहा था कि भाजपा इस बार सुल्तानपुर से मेनका गांधी और पीलीभीत से वरुण गांधी का टिकट काट सकती है. माना जा रहा था कि वरुण गांधी के अपनी ही सरकार विरोधी रवैये के कारण भाजपा वरुण गांधी के खिलाफ फैसला ले सकती है. बता दें कि ये सभी सियासी कयास 50-50 प्रतिशत सही साबित हुए. दरअसल भाजपा ने वरुण गांधी का तो टिकट पीलीभीत से काट दिया तो वही वरुण गांधी की मां मेनक गांधी को सुल्तानपुर से टिकट दे दिया. 

अब आगे क्या करेंगे वरुण गांधी?

अब सवाल ये है कि वरुण गांधी की आगे की रणनीति क्या होगी? क्या वरुण, भाजपा छोड़ेंगे या निर्दलीय तौर पर चुनाव लड़ेंगे? सवाल ये भी है कि क्या सपा-कांग्रेस वरुण को बाहर से समर्थन देंगी? इन सभी सवालों को लेकर सियासी गलियारों में काफी चर्चाएं हैं.

राजनीतिक पंडितों की माने तो भाजपा ने मां मेनका गांधी को तो टिकट दे दिया, लेकिन बेटे वरुण का टिकट काट दिया. ऐसे में वरुण गांधी के लिए आगे का सियासी फैसला लेना इतना आसान नहीं होने वाला. अगर भाजपा मेनका गांधी का भी टिकट काट देती तो वरुण गांधी सियासी तौर पर कोई बड़ा फैसला ले सकते थे. मगर अब इसकी उम्मीद कम ही मानी जा रही है.

निर्दलीय चुनाव भी लड़ सकते हैं वरुण

दरअसल पिछले दिनों वरुण गांधी के सचिव ने पीलीभीत से नामांकन पत्र खरीदा था. ऐसे में तय माना जा रहा था कि वरुण गांधी पीलीभीत से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. सभी की नजर भाजपा के फैसले पर थी. इसी बीच सपा ने भी पीलीभीत से अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया था. 

इसी बीच सपा के पीलीभीत से उम्मीदवार भगवत सरन ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा, अगर वरुण गांधी सपा में शामिल हुए तो मैं अपनी सीट वरुण के नाम पर छोड़ने को तैयार हूं. इसके बाद ये भी सियासी कयास लगाए जाने लगे कि अगर वरुण गांधी को भाजपा टिकट नहीं देती है तो सपा वरुण को बाहरी समर्थन दे सकती है.

सियासी पंडितों का ये भी मानना है कि वरुण गांधी पीलीभीत से निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं. वह अपने दम पर पीलीभीत से सियासी ताल ठोक सकते हैं. फिलहाल पीलीभीत से टिकट कटने के बाद वरुण गांधी का सियासी भविष्य अधर में लटक गया है. अब सभी की नजर वरुण गांधी के फैसले पर है, कि वह आगे सियासी तौर पर क्या फैसला लेते हैं?

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