Uttar Pradesh News : बहुजन समाज पार्टी ने प्रत्याशियों की अपनी दूसरी लिस्ट आज जारी कर दी है. प्रत्याशियों की इस लिस्ट में कुल 16 नाम है और यह सभी नाम पहले और दूसरे चरण के चुनाव के उम्मीदवारों की हैं. मुस्लिम बहुल सीटों पर यूं तो बीएसपी ने मुस्लिम चेहरों को ही उतारा है लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई ऐसे प्रत्याशी हैं जो दोधारी तलवार की तरह हैं. यानी हाथी की चाल एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों को दर्द देगा.
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बसपा के उम्मीदवार दोधारी तलवार!
कैराना,मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत और गौतम बुद्ध नगर में बसपा का उम्मीदवार बीजेपी को सीधे-सीधे नुकसान पहुंचाएगा. वहीं सपा गठबंधन को मायावती के उम्मीदवारों का दंश सहारनपुर मुरादाबाद रामपुर संभल अमरोहा आंवला और पीलीभीत में झेलना पड़ सकता है. हालांकि मायावती के उम्मीदवारों को अगर एक मुश्त मुस्लिम वर्ग का समर्थन मिल गया तो फिर वह बीजेपी से सीधे लड़ाई में आ जाएगी. क्योंकि जो भी मुस्लिम चेहरे इन सीटों पर मायावती ने उतारे हैं वह स्थानीय स्तर पर मजबूत हैं और अपना वोट बैंक भी रखते हैं. ऐसे में चुनाव के आखिरी दौर में अगर इन सीटों पर दलित मुस्लिम एक मुश्त वोट बसपा को चला गया तो यहां बसपा बड़ी खिलाड़ी बन सकती है.
इंडिया और एनडीए दोनों को नुकसान
वहीं ताजा सीमकरण देखें तो बसपा के उम्मीदवार बीजेपी और समाजवादी पार्टी दोनों को नुकसान पहुंचाने जा रहे हैं. पहले चरण में बीएसपी ने श्रीपाल सिंह राणा जो कि राजपूत ठाकुर बिरादरी से हैं, उन्हें टिकट दिया है. इस इलाके में ठाकुरों की आबादी अच्छी और प्रभावी मानी जाती है. मुजफ्फरनगर में मायावती ने दारा सिंह प्रजापति को टिकट दिया है जो ओबीसी बिरादरी से हैं. मुजफ्फरनगर में प्रजापति समाज के वोट बड़ी तादाद में है. इस तरह मेरठ से पहली बार कोई त्यागी चुनाव लड़ रहा है और त्यागी समाज पिछले दिनों भाजपा से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में नाराज भी रहा है.
ऐसे बिगड़ सकता है समीकरण
बागपत से बसपा ने बंसल यानी बनिया को चुनाव में उतारा है और यह भी बीजेपी का वोट बैंक है. गौतम बुद्ध नगर यानी नोएडा में बसपा ने ठाकुर यानी राजपूत बिरादरी के राजेंद्र सिंह सोलंकी को टिकट दिया है. नोएडा में राजपूत प्रभावी बिरादरी है और उनके 84 गांव चुनाव के लिहाज से हमेशा से अहम रहे हैं. राजनाथ सिंह भी कभी नोएडा से सांसद हुआ करते थे ऐसे में मायावती ने बिरादरी के लिहाज से अच्छे टिकट बांटे हैं जो बीजेपी को नुकसान पहुंचा जा सकता है.
पश्चिमी यूपी में सपा को हो सकता है नुकसान
मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी किसी मुसलमान को ही टिकट देगी और बसपा ने यहां से इरफान सैफी को मैदान में उतारा है. सैफी मुसलमान की ऐसी बिरादरी है जो अपनी जाति को लेकर बेहद संवेदनशील है और माना जा रहा है कि अगर मायावती को यहां मुसलमान ने वोट कर दिया तो सपा का खेल खराब हो सकता है. कुछ ऐसी ही स्थिति रामपुर की है जहां से जीशान खान को बसपा ने टिकट दिया है. जीशान खान का परिवार स्थानीय स्तर पर प्रभावी है और परिवार के पास जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी है. पीलीभीत के अनीस अहमद उर्फ फूल बाबू भी मुस्लिम बिरादरी से हैं और स्थानीय स्तर पर मजबूत नाम है. यही हाल आंवाला के आबिद अली का भी है. आंवला और पीलीभीत में बसपा ने ही मुस्लिम प्रत्याशी दिया है. ऐसे में मुसलमान का रुझान बसपा की तरफ हो सकता है.
रामपुर और संभल में यूं तो समाजवादी पार्टी भी मुस्लिम उम्मीदवार उतार सकती है.लेकिन यहां के बसपा के दोनों उम्मीदवार मुसलमान होने की वजह से सपा का नुकसान कर सकते हैं. कुल मिलाकर माना जा सकता है कि बसपा ने जो उम्मीदवार उतारे हैं, वह एनडीए और इंडिया एलायंस के लिए दोधारी तलवार है.
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