पीलीभीत में मेनका-वरुण गांधी परिवार का दबदबा खत्म! जितिन प्रसाद के नामांकन में ऐसा रहा नजारा

कुमार अभिषेक

27 Mar 2024 (अपडेटेड: 27 Mar 2024, 06:33 PM)

बीजेपी से बेटिकट हुए वरुण गांधी ने पीलीभीत का मैदान छोड़ दिया है, ये बात नामांकन खत्म होने के साथ ही यह साफ हो गया.

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Uttar Pradesh News : बीजेपी ने पीलीभीत सीट से वरुण गांधी का टिकट काट दिया है. वरुण की जगह पार्टी ने जितिन प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है. बीजेपी से बेटिकट हुए वरुण गांधी ने पीलीभीत का मैदान छोड़ दिया है, ये बात नामांकन खत्म होने के साथ ही यह साफ हो गया. वहीं पीलीभीत में तामझाम के साथ आज जितिन प्रसाद ने अपना पर्चा दाखिल किया. जितिन प्रसाद के नामांकन के साथ ही 35 सालों से पीलीभीत पर प्रभुत्व रखने वाले मेनका गांधी परिवार का दबदबा भी खत्म हो गया.

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वरुण गांधी की नाराजगी

टिकट कटने के बाद वरुण गांधी, जितिन प्रसाद के नामांकन में भी नहीं आए और ना ही उनके समर्थक नामांकन के बाद की जनसभा में दिखाई दिए. जितिन प्रसाद आज अपने पूरे परिवार के साथ कलेक्ट्रेट पहुंच कर पर्चा दाखिल किया. नामांकन में  बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और मंत्री स्वतंत्र देव सिंह भी मौजूद थे. नामांकन के बाद हुई जनसभा में मंच से सभी नेताओं ने वरुण गांधी का नाम तक  नहीं लिया.

यूपी तक से बात करते हुए जितिन प्रसाद ने कहा कि पार्टी और संगठन का चुनाव है और प्रधानमंत्री के हाथों को मजबूत करना है. लेकिन वरुण गांधी के सवाल को उन्होंने टाल दिया. जितिन प्रसाद ने नामांकन के बाद अपनी पहली चुनावी जनसभा में कहा कि पीलीभीत से उनका पीढ़ियों का रिश्ता है और प्रधानमंत्री मोदी का संदेश लेकर गांव-गांव, घर-घर कुंडी खटखटानी है.

नामांकन में दिखा ऐसा नजारा

जितिन प्रसाद के नामांकन में उनके समर्थकों में खास उत्साह देखने को मिला. नामांकन में जितिन प्रसाद के कई ऐसे समर्थक मिले जो उनके साथ ही कांग्रेस से भाजपा में शामिल हो गए थे, उन्होंने कहा कि जहां जितिन वहां हम. वहीं कुछ लोगों ने कहा वरुण गांधी को टिकट नहीं मिला उससे कोई फर्क नहीं पड़ता. मोदी और कमल ही उनके लिए महत्वपूर्ण हैं, वरुण गांधी नहीं. वहीं प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने यूपी तक से बात करते हुए कहा कि, 'पार्टी नेतृत्व सभी की चिंता करता है और वरुण गांधी के लिए भी पार्टी में कुछ सोचा होगा.'

पीलीभीत में त्रिकोणीय मुकाबला 

बता दें कि  पीलीभीत को यूपी का पंजाब भी कहा जाता है,क्योंकि विभाजन के बाद पाकिस्तान से आए सिखों ने इसे आबाद किया. उत्तर प्रदेश का पीलीभीत जिला सबसे ज्यादा बाघों की तादात के लिए जाना जाता है. बात अगर राजनीति की करें तो यह क्षेत्र मेनका और वरुण गांधी के लोकसभा क्षेत्र के रूप में भी जाना जाता है. लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने वरुण गांधी का टिकट काटकर यहां से जितन प्रसाद को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. समाजवादी पार्टी ने भी यहां से कुर्मी बिरादरी पर दांव लगाया है, सपा ने भगवत शरण गंगवार को अपना प्रत्याशी बनाया है.

पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र की आबादी 25 लाख के आस पास है और वोटर 18 लाख से ज्यादा हैं.जातिगत आकड़ों पर नजर डाले तो 5 लाख के आस पास मुस्लिम, लोध किसान 3 से 4 लाख के बीच और कुर्मी वोटर लगभग 2 लाख  हैं. फिलहाल पीलीभीत में त्रिकोणीय लड़ाई बनी हुई है. बीजेपी से जितिन प्रसाद, समाजवादी पार्टी से भगवती शरण गंगवार और बसपा से फूल बाबू चुनाव मैदान में हैं.

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