Uttar Pradesh News : बाहुबली धनंजय सिंह को शनिवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत मिलने के जौनपुर लोकसभा सीट पर चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है. हालांकि कोर्ट ने धनंजय सिंह की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है. सजा पर रोक नहीं लगने से धनंजय सिंह चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. बता दें कि जौनपुर से धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी बसपा की प्रत्याशी हैं. वहीं धनंजय सिंह को जमानत मिलने के साथ ही जौनपुर लोकसभा सीट के चुनावी समीकरण में बदलाव के आसार नजर आ रहे हैं.
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धनंजय को मिली जमानत
आपको बता दें कि इससे पहले श्रीकला रेड्डी के निर्दलीय चुनाव लड़ने की चर्चाएं थीं. माना जा रहा था कि समाजवादी पार्टी श्रीकला रेड्डी को टिकट दे सकती है. मगर ये चर्चाएं भी खत्म हो गई थीं. इसके बाद से यह तय माना जा रहा था कि अब श्रीकला रेड्डी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरेगीं. मगर सभी कयास गलत साबित हुई और बसपा ने श्रीकला रेड्डी को अपना उम्मीदवार बना दिया.
बसपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरीं श्रीकला रेड्डी अब तक वह अकेले दम पर चुनावी समीकरणों को साधने में जुटी थीं, लेकिन पूरे लोकसभा क्षेत्र की गुणा गणित सेट करने में उन्हें काफी मुश्किलें आ रही थीं. श्रीकला प्रत्याशी तो बन गईं, लेकिन बिना धनंजय के चुनाव प्रचार में रंग नहीं आ रहा था. शनिवार को हाई कोर्ट से धनंजय की जमानत मंजूर होते ही उनके समर्थकों में जोश भर गया. अब धनंजय बाहर आते हैं तो विपक्षियों के लिए चुनाव मुश्किल होना तय है.
मायावती ने रख दिया धनंजय सिंह के सिर पर हाथ
दरअसल, धनंजय सिंह और बसपा का संबंध आज का नहीं है. साल 2009 के लोकसभा चुनाव में धनंजय सिंह, बसपा के टिकट पर ही जीतकर सांसद बने थे और दिल्ली पहुंचे थे. एक समय धनंजय सिंह की गिनती बसपा के बड़े नेताओं में की जाती थी. इसलिए माना जा रहा है कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस मुश्किल समय में अपना हाथ धनंजय सिंह के सिर पर रख दिया है.
पलटेगा जौनपुर का चुनाव!
साल 2009 लोकसभा चुनाव में धनंजय सिंह ने बसपा के टिकट पर जौनपुर में बड़ी जीत हासिल की थी. उस दौरान धनंजय सिंह ने समाजवादी पार्टी उम्मीदवार पारस नाथ यादव को 80 हजार से भी अधिक वोट से हराया था. धनंजय सिंह को जहां 302,618 वोट मिले थे, तो वहीं सपा उम्मीदवार को 222,267 वोट ही मिल पाए थे. उस चुनाव में भाजपा उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहे थे. ऐसे में माना जा रहा है कि बसपा से श्रीकला रेड्डी के चुनाव में खड़े होने के बाद जौनपुर का चुनाव काफी दिलचल्प हो गया है.
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