चंद्रशेखर की ‘स्टाइल ऑफ पॉलिटिक्स’ से आकाश आनंद को परहेज, कह दी ये बड़ी बात

कुमार अभिषेक

15 Apr 2024 (अपडेटेड: 15 Apr 2024, 01:52 PM)

लोकसभा चुनाव में इस बार मायावती नहीं, उनके उत्तराधिकारी आकाश आनंद ने प्रचार की शुरुआत की. मायावती के बाद उनके भतीजे आकाश लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रचार का जिम्मा संभाल रहे हैं.

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Uttar Pradesh News : लोकसभा चुनाव में इस बार मायावती नहीं, उनके उत्तराधिकारी आकाश आनंद ने प्रचार की शुरुआत की. मायावती के बाद उनके भतीजे आकाश लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रचार का जिम्मा संभाल रहे हैं और काफी एक्टिव नजर आ रहे हैं.  आकाश आनंद इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, लेकिन वे पार्टी के स्टार प्रचारक हैं. उन्होंने पहली रैली यूपी के नगीना लोकसभा सीट पर की है, से भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर रावण भी यहीं से चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं इस चुनावी सरगर्मी के बीच आकाश आनंद से यूपी तक ने खास बातचीत की, जिसमें उहोंने तमाम मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखी. 

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चंद्रशेखर के सवाल पर ये कहा

यूपी तक से बात करते हुए आकाश आनंद ने साप कहा कि, टआने वाला वक्त बीएसपी का है. इस चुनाव में हम बेहतर प्रदर्शन करने जा रहे हैं जीत और हार के आंकड़े पर नहीं बता सकते, लेकिन बीएसपी सबको चौंकायेगी.' वहीं भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर के सवाल पर उन्होंने कहा कि  हमारा किसी से कोई कंपटीशन नहीं है. उनके सियासत का तरीका गलत है. हमारा समाज सड़क पर हिंसा की सियासत नहीं करता. हमारी पॉलिटिक्स बहुजन को जोड़कर उन्हें मजबूत करके सत्ता हासिल करना है.

'BJP को हो रही परेशानी'

उत्तर प्रदेश में भाजपा की मदद करने के सवाल पर आकाश आनंद ने कहा कि यह जो लोग बीजेपी की B टीम होने की बात कहते हैं, यह सरासर गलत है. हमने कभी बीजेपी की मदद नहीं की है. उत्तर प्रदेश में इस लोकसभा चुनाव में हमने जैसे उम्मीदवार उतारे हैं, इससे सबसे ज्यादा परेशान तो बीजेपी ही है. आकाश आनंद ने आगे कहा कि, 'बीएसपी कभी बीजेपी के साथ नहीं जाएगी. लेकिन हां मान्यवर कांशीराम साहब ने कहा था कि सत्ता के लिए पार्टियों का इस्तेमाल जरूरी, तो अगर हमें सत्ता बनाने के लिए किसी की मदद लेनी पड़ेगी तो हम इस्तेमाल करेंगे.'

अखिलेश-राहुल से नहीं मिलाएंगे हाथ

वहीं कांग्रेस और सपा से हाथ मिलाने के सवाल पर बसपा नेता ने कहा कि, 'कांग्रेस और सपा से हाथ मिलाने का सवाल ही नहीं है. राहुल गांधी और अखिलेश को अगर आप युवा नेता कहते हैं तो उनकी उम्र तो 45 साल से उपर की है. और राहुल गांधी को तो आप जानते ही हैं, अगर वो युवा है तो फिर हम क्या हैं.'
 

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