Uttar Pradesh Mock Drill: 19 जिलों में मॉक ड्रिल की A, B, C कैटिगरी क्या? सायरन बजे तो ये करें

प्रदेश के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने जानकारी दी कि भले ही केंद्र सरकार ने यूपी के 19 जिलों को चिह्नित किया है. लेकिन राज्य सरकार ने इसे सभी जिलों में लागू करने का फैसला किया है.

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यूपी तक

• 11:50 AM • 07 May 2025

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पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना के जवाब में 100 के करीब आतंकियों के मारे जाने का दावा किया जा रहा है. इस बीच  भारत-पाक के बीच सीमा पर गोला-बारी जारी है और तनाव चरम पर है. इस बीच केंद्र सरकार ने देशभर के 300 से अधिक "सिविल डिफेंस जिलों" में मॉक ड्रिल कराने के निर्देश दे रखा है. इसपर आज बुधवार को अमलीजामा पहनाया जा रहा है. इनमें परमाणु संयंत्र, सैन्य ठिकानों, रिफाइनरियों और बांधों जैसे संवेदनशील संस्थानों वाले जिले शामिल हैं. उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे लेकर बड़ा फैसला लेते हुए सभी 75 जिलों में मॉक ड्रिल कराने का आदेश दिया है. 

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प्रदेश के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने जानकारी दी कि भले ही केंद्र सरकार ने यूपी के 19 जिलों को चिह्नित किया है. लेकिन राज्य सरकार ने इसे सभी जिलों में लागू करने का फैसला किया है. इन मॉक ड्रिल में पुलिस, प्रशासन, अग्निशमन, आपदा प्रतिक्रिया बल के साथ आम नागरिक, स्कूल-कॉलेजों के छात्र, एनएसएस, एनसीसी और होमगार्ड्स भाग लेंगे.


जानें किस जिले में कितने बजे होगी मॉक ड्रिल

केटेगेरी (A)

नरोरा (बुलंदशहर) - 4 PM

केटेगेरी (B)

कानपुर- 9:30 AM /4 PM 
आगरा- 8 PM
प्रयागराज- 6:30 PM
गाजियाबाद- 10 AM/ 8 PM
झांसी- 4 PM
लखनऊ- 7 PM
मथुरा- 7 PM 
मेरठ- 4 PM 
सहारनपुर- 4 PM 
बक्शी का तालाब- गृह मंत्रालय का आदेश के अनुसार बक्शी का तालाब इलाके की मॉक ड्रिल को मीडिया कवर नहीं करेगी.
चंदौली- 7 PM 
सरसावा- 4 PM
बरेली-  8 PM 
गोरखपुर- 6:30 PM
मुरादाबाद- 12 NOON
वाराणसी- समय निर्धारित नहीं हुआ है.

केटेगेरी (C)

बागपत-  7 PM
मुजफ्फरनगर- समय निर्धारित नहीं हुआ.

ड्रिल में इन बातों पर होगा फोकस 

  • एयर-रेड सायरन का संचालन.
  • बंकरों और खाइयों की सफाई.
  • दुश्मन हमले की स्थिति में नागरिकों को प्रशिक्षित करना.
  • इमरजेंसी कम्युनिकेशन की टेस्टिंग (हॉटलाइन/रेडियो लिंक).

ब्लैकआउट और प्लांट-कैमुफ्लाज की तैयारी

गृह मंत्रालय ने कहा है कि मौजूदा भू-राजनीतिक माहौल में नई और जटिल चुनौतियां उभर रही हैं. इसलिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को हाई अलर्ट पर रहना चाहिए. मॉक ड्रिल का उद्देश्य आपदा प्रबंधन की तैयारी का मूल्यांकन और सुधार करना है.

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