लखनऊ में आयोजित TEDxLucknow 2024 का मंच इस बार एक ऐतिहासिक पल का गवाह बना, जब पहली बार हिंदी के प्रसिद्ध कवि और फिल्म गीतकार आलोक श्रीवास्तव ने अपने कविताओं और विचारों से श्रोताओं का दिल जीता. उनकी प्रस्तुति में शब्दों की ताकत, साहस, और रचनात्मकता का ऐसा संगम देखने को मिला, जिसने हर व्यक्ति को प्रेरित किया.
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"सपनों का पीछा करें, वो सच होंगे"
आलोक श्रीवास्तव ने अपनी प्रस्तुति में जीवन की कठिनाइयों और उन्हें पार करने के साहस पर बात की. उनका यह प्रेरणादायक विचार,
"किसी चीज़ के पीछे जितना भागेंगे, वो आपसे उतनी ही दूर होती जाएगी, लेकिन अपने सपनों के पीछे जितनी शिद्दत से भागेंगे, वो उतनी ही जल्दी सच होंगे" ने पूरे सभागार को आत्मविश्वास और उम्मीद से भर दिया.
"मंजिलें क्या हैं, रास्ता क्या है..."
आलोक ने अपनी कविता के जरिए भी जीवन के संघर्षों को खूबसूरती से प्रस्तुत किया. उनके ये शब्द, "मंजिलें क्या हैं, रास्ता क्या है,
हौसला हो तो फासला क्या है" ने श्रोताओं को यह समझने पर मजबूर कर दिया कि अगर हौसला हो, तो कोई भी दूरी मुश्किल नहीं होती.
शब्दों की ताकत और कला की कड़ी
आलोक श्रीवास्तव की प्रस्तुति ने यह साबित किया कि भाषा और कला किसी भी विभाजन को मिटा सकती है और हर वर्ग के लोगों को जोड़ सकती है. उनकी कविताओं और कहानियों ने लोगों को अपने डर का सामना करने और आत्मविश्वास के साथ अपने सपनों की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित किया.
TEDxLucknow: विविधता का उत्सव
TEDxLucknow की टीम ने आलोक श्रीवास्तव के मंच पर आने को गर्व का पल बताते हुए कहा, "हमारा उद्देश्य हमेशा से विविधता को प्रोत्साहित करना और ऐसे विचारों को मंच देना है, जो बदलाव की शुरुआत कर सकें."
आलोक श्रीवास्तव की प्रस्तुति ने न केवल उपस्थित लोगों को प्रेरित किया, बल्कि नई पीढ़ी को साहस और रचनात्मकता के साथ कुछ नया करने की दिशा में बढ़ने का संदेश भी दिया. TEDxLucknow का यह सत्र एक यादगार अनुभव साबित हुआ, जहां शब्दों ने विचारों को नई उड़ान दी.
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