पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई के हत्यारे राजू तिवारी उर्फ रिजवान-संजय उर्फ शकील सीतापुर एनकाउंटर में ढेर, कौन थे दोनों?

UP News: सीतापुर के पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई हत्याकांड को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. एसटीएफ और पुलिस ने हत्या में शामिल दोनों बदमाशों का एनकाउंटर कर दिया है.

Raghvendra Bajpai journalist murder case

संतोष शर्मा

07 Aug 2025 (अपडेटेड: 07 Aug 2025, 10:07 AM)

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UP News: उत्तर प्रदेश से बड़ी खबर सामने आई है. सीतापुर में करीब 5 महीने पहले हुए पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई हत्याकांड मामले में पुलिस ने एनकाउंटर किया है. नोएडा एसटीएफ टीम और सीतापुर पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन में हत्याकांड में शामिल दोनों अपराधियों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया है.

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बता दें कि ये एनकाउंटर सीतापुर के पिसावा थाना क्षेत्र में हुआ है. पिछले करीब 5 महीने से पुलिस को इन दोनों हत्यारों की तलाश थी. अब पुलिस ने राजू तिवारी उर्फ रिजवान और संजय तिवारी उर्फ शकील को एनकाउंटर में मार गिराया है. बता दें कि पत्रकार राघवेंद्र बाजपई की हत्या में शामिल रहे इन दोनों बदमशों के ऊपर पुलिस ने 1-1 लाख का इनाम रखा था.

कौन थे दोनों बदमाश?

दोनों बदमाश सीतापुर के अटवा थाना के मिसरिख के रहने वाले हैं. दोनों की पहचान राजू तिवारी उर्फ रिजवान और संजय तिवारी उर्फ शकील के तौर पर हुई है. दोनों आपस में सगे भाई थे. इनके पिता का नाम कृष्ण गोपाल उर्फ करीम खान है.

आपको बता दें कि बदमाश राजू उर्फ रिजवान पर लखीमपुर खीरी के उप निरीक्षक परवेज अली की हत्या का भी आरोप है. ये घटना साल 2006 की है. राजू उर्फ रिजवान पर आरोप है कि इसने हत्या करके, उनकी सरकारी रिवाल्वर लूट ली थी. संजय उर्फ शकील ने साल 2011 में सहाय शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इन दोनों भाइयों पर लूट, हत्या, डकैती के 2 दर्जन मामले दर्ज थे.

पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई.

पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई के साथ हुआ क्या था?

8 से 9 मार्च के बीच पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की हत्या कर दी गई थी. सीतापुर के एमिलिया थाना क्षेत्र के हेमपुर नेरी में पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई का शव पड़ा मिला था. पहले लोगों को लगा कि ये हादसा है और वह उन्हें अस्पताल लेकर गए. मगर वहां डॉक्टर ने बताया कि उन्हें कई गोली मारी गई हैं. इसके बाद डॉक्टरों ने राघवेंद्र को मृत घोषित कर दिया. पत्रकार राघवेंद्र दैनिक जागरण के महोली तहसील के संवाददाता थे. तभी से पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी और बदमाशों की तलाश की जा रही थी.

(अरविंद मोहन मिश्रा के इनपुट के साथ)

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