देवबंद के उलेमा कारी इशहाक गोरा ने संभल के CO अनुज चौधरी के 'जुमे की नमाज वाले' बयान पर कड़ी नाराजगी जताते हुए इसकी निंदा की है. उन्होंने कहा कि पुलिस की वर्दी की अपनी एक गरिमा होती है और वर्दीधारी अधिकारी की जिम्मेदारी है कि वह सभी नागरिकों को समान रूप से सुरक्षा का एहसास कराए. बकौल उलेमा, अनुज चौधरी का बयान पक्षपातपूर्ण और सांप्रदायिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला प्रतीत होता है, जो किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है.
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कारी इशहाक गोरा ने कहा कि 'यह सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि ऐसे अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करे, उन्हें तुरंत निलंबित करे और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करे. क्योंकि इस तरह के बयान हमारे देश की एकता और गंगा-जमुनी तहजीब के खिलाफ हैं. भारत विभिन्न धर्मों, संस्कृतियों और परंपराओं का देश है और यही इसकी सबसे बड़ी खूबसूरती है. हम सभी को एक-दूसरे के धर्मों की इज्जत करनी चाहिए और सौहार्दपूर्ण माहौल बनाए रखना चाहिए.'
उन्होंने खासतौर पर इस बात को रेखांकित किया कि 'इस बार जुम्मा और होली एक ही दिन पड़ रहे हैं. यह चिंता का नहीं बल्कि खुशी का विषय है, क्योंकि यह हमारे देश की विविधता और भाईचारे को और मजबूत करने का अवसर है. सभी को चाहिए कि वे एक-दूसरे के त्योहारों की इज्जत करें, मिल-जुलकर इन्हें मनाएं और आपसी सौहार्द बनाए रखें.'
क्या कहा था अनुज चौधरी ने?
अनुज चौधरी ने कहा था, "मेरा सीधा साफ-साफ ये कहना है कि जुम्मा साल में बावन बार आता है, होली साल में एक बार आती है. मुस्लिम समुदाय में किसी को लगता है कि होली के रंग से आपका धर्म भ्रष्ट हो जाएगा...तो वो उस दिन ना निकले घर से. अगर निकले तो उसका इतना बड़ा दिल होना चाहिए कि भाई सब एक जैसे हैं. रंग तो रंग है. जिस तरह पूरे साल इंतजार करता है मुस्लिम पक्ष ईद का, इसी तरह से होली का भी इंतजार हिंदू पक्ष करता है. होली रंग डाल के, मिठाई खिला के, बुरा ना मानो होली है कहकर मनाई जाती है."
उन्होंने आगे कहा, "ईद में भी लोग सेवईयां बनाते हैं, गले मिलते हैं. एक दुसरे के यहां जाते हैं. दोनों पक्ष हिंदू मुस्लिम आप एक दूसरे का सम्मान करें. अनावश्यक किसी पर रंग न डालें. अगर कोई हिंदू समाज का आदमी रंग से बच रहा है तो उसपर भी न डालें."
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