PCS अफसर ज्योति मौर्या को हाई कोर्ट ने भेजा नोटिस! पति आलोक ने ऐसा क्या मांग लिया कि मामले में आ गया ट्विस्ट?

पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्या और उनके पति आलोक कुमार मौर्या के बीच चल रहे विवाद में एक नया मोड़ आ गया है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज्योति मौर्या को नोटिस जारी किया है.

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यूपी तक

• 11:39 AM • 14 Jul 2025

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पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्या और उनके पति आलोक कुमार मौर्या के बीच चल रहे विवाद में एक नया मोड़ आ गया है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज्योति मौर्या को नोटिस जारी किया है. यह नोटिस उनके पति आलोक कुमार मौर्या की ओर से दाखिल एक याचिका पर दिया गया है. इस याचिका में आलोक ने फैमिली कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उनकी पत्नी से भरण-पोषण (Maintenance) मांगने वाली उनकी अर्जी खारिज कर दी गई थी.

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सफाईकर्मी पति ने प्रशासनिक अधिकारी पत्नी से मांगा भरण-पोषण

यह मामला तब सामने आया जब सफाईकर्मी के पद पर कार्यरत आलोक कुमार मौर्या ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की. अपनी याचिका में आलोक मौर्या ने कहा है कि उनकी पत्नी ज्योति मौर्या एक प्रशासनिक अधिकारी हैं, जबकि वह एक छोटी सरकारी नौकरी करते हैं और कई बीमारियों से भी पीड़ित हैं. इसलिए, वह अपनी पत्नी से भरण-पोषण पाने के हकदार हैं.

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस अरिंदम सिन्हा और डॉ. योगेंद्र कुमार श्रीवास्तव की बेंच ने आलोक कुमार मौर्या की याचिका पर सुनवाई करते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 8 अगस्त की तारीख फिक्स की है.

फैमिली कोर्ट ने खारिज कर दी थी आलोक की अर्जी

आलोक मौर्या के वकील ने हाई कोर्ट को बताया कि उनके मुवक्किल की भरण पोषण की अर्जी को प्रयागराज की फैमिली कोर्ट ने 4 जनवरी 2025 को खारिज कर दी थी. वकील ने तर्क दिया कि प्रतिवादी-पत्नी ज्योति मौर्या एक प्रशासनिक अधिकारी हैं, जबकि याचिकाकर्ता की सरकारी नौकरी कम वेतन वाली है और वह कई बीमारियों से भी ग्रस्त हैं. 

ज्योति मौर्या ने खुद प्रयागराज की फैमिली कोर्ट में आलोक मौर्या से तलाक लेने के लिए याचिका दायर की है. तलाक की याचिका लंबित होने के दौरान ही आलोक मौर्या ने हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 24 के तहत फैमिली कोर्ट में भरण-पोषण के लिए आवेदन किया था, जिसे 4 जनवरी 2025 को खारिज कर दिया गया था. इसी के बाद आलोक ने हाई कोर्ट में यह अपील दायर की है.

देरी से अपील दायर करने पर भी नोटिस

आलोक मौर्या ने फैमिली कोर्ट के फैसले के खिलाफ 77 दिनों की देरी से हाई कोर्ट में अपील दायर की थी. इस देरी को माफ करने के लिए भी पति की ओर से एक आवेदन किया गया था. हाई कोर्ट ने इस देरी को माफ करने वाले आवेदन पर भी ज्योति मौर्या को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने 3 जुलाई को अपने आदेश में याचिकाकर्ता को फैमिली कोर्ट के 4 जनवरी 2025 के आदेश का अंग्रेजी अनुवाद भी दाखिल करने का निर्देश दिया है.

2010 में हुई थी शादी, PCS बनने के बाद बदला रवैया

आलोक मौर्या को 2009 में पंचायती राज विभाग में सफाईकर्मी के रूप में नियुक्त किया गया था. इसके बाद उनकी शादी 2010 में ज्योति मौर्या से हुई थी. आलोक मौर्या का आरोप है कि उन्होंने अपनी पत्नी की प्रयागराज में पढ़ाई के लिए हर संभव व्यवस्था की थी. उन्होंने आरोप लगाया कि 2015 में पीसीएस परीक्षा पास करने के बाद जब ज्योति मौर्या को एसडीएम के रूप में नियुक्त किया गया, तो उनका (ज्योति का) रवैया उनके और उनके परिवार के सदस्यों के प्रति बदल गया.

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