IAS Monika Rani Story: अगस्त 2024 में आदमखोर भेड़ियों को पकड़वाने के बाद अक्तूबर 2024 के दौरान बहराइच जिले में भड़की हिंसा के दंगाइयों से निपटने के चलते सुर्खियों में आईं डीएम मोनिका रानी को प्रधानमंत्री पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है. यूपी की तेजतर्रार आईएएस मोनिका रानी को बतौर डीएम वर्ष 2023 में "जिले का संपूर्ण विकास" की श्रेणी में आगामी 21 अप्रैल को सिविल सर्विस डे पर पीएम मोदी प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित करेंगे.
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देश भर के 10 जिलों में शामिल बहराइच यूपी का एकमात्र ऐसा जिला है, जिसकी डीएम मोनिका रानी की बहराइच में अनूठी पहल "सेवा से संतृप्तिकरण अभियान" के चलते इसे शामिल किया गया है. दरअसल डीएम मोनिका रानी ने जहां एक ओर बहराइच में सीएम योगी आदित्यनाथ की सर्वाेच्च प्राथमिकता जनसमस्याओं का समयबद्ध निस्तारण कराया, वहीं केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी एवं विकासपरक योजनाओं से असंतृप्त व्यक्तियों को संतृप्तिकरण करने व महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से समुदाय की सहभागिता के लिए जिलें में एक अभिनव पहल ‘सेवा से संतृप्तिकरण अभियान" की शुरुआत की.
इस अभियान के तहत डीएम मोनिका रानी ने इंडो नेपाल सीमावर्ती जिले बहराइच के दूरस्थ गांव में सरकार के सभी विभागों से संचालित योजनाओं के स्टॉल लगाकर अपनी व जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में पात्र लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ दिलाया. जिसके बेहद कम समय में सार्थक परिणाम भी सामने दिखाई पड़े.
डीएम मोनिका रानी के इसी कार्य के उत्कृष्ट कार्यान्वयन, विकसित भारत संकल्प यात्रा तथा आकांक्षी जनपद बहराइच के चर्तुमुखी विकास के लिए निर्धारित सूचकांकों में उत्कृष्ट उपलब्धि अर्जित करने के लिए कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय, प्रशासनिक सुधार, भारत सरकार द्वारा वर्ष 2023 के लिए ‘जिले का सम्पूर्ण विकास’ की श्रेणी हेतु प्रधानमंत्री पुरस्कार हेतु चयनित किया गया है.
क्यों की गई है प्रधानमंत्री पुरस्कार की स्थापना?
दरअसल, रचनात्मक प्रतिस्पर्धा, नवाचार, प्रतिकृति और सर्वाेत्तम प्रथाओं के संस्थागतकरण को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से देश भर में सिविल सेवकों द्वारा किए गए अनुकरणीय कार्यों को मान्यता देने और पुरस्कृत करने के लिए भारत सरकार द्वारा लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार की स्थापना की गई है.
प्रधानमंत्री पुरस्कार के लिए कैसे होता है चयन?
इस पुरस्कार के चयन के लिए 4 जटिल प्रक्रियाओं स्क्रीनिंग कमेटी, एक्सपर्ट कमेटी, सिटीजन फीडबैक, एम्वाईड कमेटी की पारखी नजरों से गुजरने के बाद एक उच्चस्तरीय समिति के द्वारा सम्बन्धित जनपद का भ्रमण कर जमीनी हकीकत को परखा जाता है. फिर उसके बाद देश के प्रधानमंत्री के अनुमोदनोपरान्त चयनित जिलों की सूची को अन्तिम रूप दिया जाता है.
क्या है पीएम अवॉर्ड की विशेषता?
इस अवॉर्ड की विशेषता यह है कि देश के 700 से अधिक जनपदों में से ‘‘जिले का सम्पूर्ण विकास’’ की श्रेणी के लिए 10 जनपद चयनित किये गए हैं, जिनमें बहराइच उत्तर प्रदेश का अकेला जनपद है जिसे वर्ष 2023 हेतु प्रधानमंत्री पुरस्कार के लिए चुना गया है.
कौन हैं मोनिका रानी हैं?
हरियाणा के गुरुग्राम में 1982 में जन्मी मोनिका रानी बतौर आईएएस अधिकारी एक कुशल प्रशासक होने के साथ एक मां और एक कुशल गृहणी भी हैं. इन्होंने अपनी पढ़ाई के दौरान वाणिज्य में स्नातक और अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री कंप्लीट की है.
गृहिणी से आईएएस अधिकारी बनने का सफर
मोनिका रानी बचपन से ही आईएएस अधिकारी बनने का सपना देखती थीं और अपने भाई की पढ़ाई से बहुत अधिक प्रेरित थीं. हालांकि 2005 में उनकी शादी हो गई और वह मां भी बन गईं. इस दौरान उन्होंने दिल्ली के एक सरकारी स्कूल में बतौर शिक्षिका नौकरी भी की. अपने सपने को पूरा करने के लिए आठ माह के बच्चे की मां होने के बावजूद आईएएस बनने के लिए उन्होंने सिविल सर्विस की कठिन तैयारी शुरू की और 2010 में 70वीं रैंक लाकर अपने सपने को पूरा भी किया और उत्तर प्रदेश कैडर की आईएएस अधिकारी बनीं.
बतौर जिलाधिकारी बहराइच में पोस्टिंग के बाद मोनिका रानी जिले को दो बड़ी घटनाओं के चलते सुर्खियों में आईं. जहां एक ओर उन्होंने बहराइच में आतंक का पर्याय बने आदमखोर भेड़ियों से जिले को निजात दिलाया, वहीं अक्टूबर माह में मूर्ति विसर्जन के दौरान भड़की हिंसा से जिले को बाहर निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की.
प्रधानमंत्री पुरस्कार को जनपदवासियों को किया समर्पित
प्रधानमंत्री पुरस्कार के चयन पर खुशी जताते हुए डीएम मोनिका रानी ने अपने अधीनस्थ अधिकारियों की सराहना करते हुए आभार जताया और इस पुरस्कार को उन्होंने आकांक्षी जनपद बहराइच के लोगों को समर्पित किया है.
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