उत्तर प्रदेश अब शिक्षा और तकनीक के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिख रहा है. भारत को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) क्रांति के लिए तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए यूपी के उन्नाव में देश की पहली निजी AI-संवर्धित मल्टीडिसिप्लिनरी यूनिवर्सिटी का उद्घाटन किया गया है. चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी द्वारा स्थापित इस विश्वविद्यालय का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया. सीएम योगी ने इस मौके पर राज्य के विकास और AI के भविष्य पर विस्तार से बात भी की.
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उन्नाव को मिली 'आधुनिकता और पुरातनता' के संगम वाली यूनिवर्सिटी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर सतनाम सिंह संधू (चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी) और उनकी पूरी टीम को धन्यवाद दिया कि उन्होंने देश के अंदर तमाम विकल्पों के बावजूद उत्तर प्रदेश का चयन किया. उन्होंने कहा कि उन्नाव प्रदेश की राजधानी के नजदीक है और जहां से लगातार विश्वविद्यालय की मांग हो रही थी उसे एक ऐसी यूनिवर्सिटी मिली है जिसमें आधुनिकता भी है और पुरातनता का भी बेहतर समन्वय है.
सीएम योगी ने कहा कि यह विश्वविद्यालय प्रधानमंत्री मोदी जी के नए भारत के सपनों को साकार करने का एक नया कैंपस है.
यूपी में शिक्षा से लेकर कृषि तक, हर सेक्टर में AI का इस्तेमाल
उत्तर प्रदेश सरकार ने नए जमाने के साथ कदमताल करते हुए AI पर फोकस बढ़ा दिया है. यहां A को सिर्फ शिक्षा तक सीमित नहीं रख रही, बल्कि इसे कई अन्य क्षेत्रों में भी लागू कर रही है ताकि तकनीकी कौशल का विकास हो सके.
- AI प्रज्ञा योजना: राज्य सरकार 'AI प्रज्ञा योजना' के तहत 10 लाख लोगों को AI, डेटा एनालिटिक्स, मशीन लर्निंग और साइबर सुरक्षा में प्रशिक्षित करने की योजना बना रही है. इसमें युवा, शिक्षक, ग्राम प्रधान, सरकारी कर्मचारी और किसान शामिल होंगे.
- बड़ी कंपनियों का साथ: इस ट्रेनिंग में माइक्रोसॉफ्ट, इंटेल, गूगल और गुवी जैसी बड़ी कंपनियां पार्टनरशिप कर रही हैं. लक्ष्य हर महीने 1.5 लाख लोगों को प्रशिक्षित करना है.
- सुरक्षा में AI (सेफ सिटी प्रोजेक्ट): सार्वजनिक सुरक्षा में AI का उपयोग 'सेफ सिटी प्रोजेक्ट' के तहत बढ़ाया जा रहा है. 17 नगर निगमों में AI-सक्षम सीसीटीवी कैमरे, ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (ANPR), SOS अलर्ट सिस्टम और फेशियल रिकॉग्निशन तकनीक लगाई गई है, जो सीधे 112 इमरजेंसी हेल्पलाइन और पुलिस कंट्रोल रूम से जुड़ी हैं.
- कृषि में AI (UP-AGRIS प्रोजेक्ट): वर्ल्ड बैंक समर्थित ₹4,000 करोड़ का 'यूपी-एग्रिस प्रोजेक्ट' 10 लाख किसानों को AI-आधारित समाधान प्रदान कर रहा है. इसमें स्मार्ट सिंचाई प्रणाली, ड्रोन-आधारित भूमि मानचित्रण और कीट का पता लगाने वाले उपकरण शामिल हैं. यह परियोजना 10,000 महिला समूहों को भी जोड़ रही है और किसान-उत्पादक संगठनों को डिजिटल बाजारों तक पहुंच प्रदान कर रही है.
- राजस्व और खनन में AI: राजस्व विभाग भूमि रिकॉर्ड के प्रबंधन, ग्राम-स्तरीय डिजिटल मानचित्रण और अधिक कुशल भूमि वितरण के लिए सैटेलाइट इमेजिंग और AI का उपयोग कर रहा है. जेलों में कैदियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए 'जार्विस' नामक AI-आधारित निगरानी प्रणाली लगाई गई है. भूविज्ञान और खनन विभाग ने खनन क्षेत्रों की बेहतर निगरानी के लिए AI और IoT उपकरणों को पेश किया है.
यूपी में 8 साल में 23 नए निजी विश्वविद्यालय
मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश में अब निजी क्षेत्र के विश्वविद्यालयों की संख्या काफी बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि पहले विश्वविद्यालय बनाने के लिए भेदभावपूर्ण नीतियां थीं, लेकिन अब सरकार ने एक साथ व्यवस्था बनाई है कि ग्रामीण क्षेत्र में 50 एकड़ और शहरी क्षेत्र में 20 एकड़ में विश्वविद्यालय बनाने के लिए सहमति पत्र और मान्यता दी जाएगी.
सीएम ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में प्रदेश के अंदर 23 नए निजी विश्वविद्यालय बने हैं. कुल मिलाकर अब तक प्रदेश में 47 निजी क्षेत्र के विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा प्रदान कर रहे हैं. जिन कमिश्नरी में विश्वविद्यालय नहीं थे, वहां 6 नए विश्वविद्यालय स्थापित किए गए हैं. इनमें सहारनपुर में मां शाकंभरी के नाम पर, अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर, आजमगढ़ में महाराज सुहेलदेव के नाम पर, देवीपाटन मंडल में मां पाटेश्वरी देवी के नाम पर, मिर्जापुर में मां विंध्यवासिनी धाम के नाम पर, और मुरादाबाद में गुरु जंभेश्वर के नाम पर विश्वविद्यालय शामिल हैं. ये सभी इस वर्ष से अपने कैंपस प्रारंभ कर चुके हैं.
विशेष विश्वविद्यालय: प्रदेश का पहला आयुष विश्वविद्यालय गोरखपुर में, पहला मेडिकल विश्वविद्यालय, और मेरठ में पहला स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय निर्माणाधीन है. इसका पहला सत्र इस वर्ष से शुरू होने जा रहा है. कुशीनगर में महात्मा बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली पर एक नए कृषि विश्वविद्यालय की भी स्थापना होने जा रही है.
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