51000 में गर्लफ्रेंड वाला मजा... मैसाचुसेट्स के हाई-प्रोफाइल वेश्यालय में फंसने वाले लखनऊ के अरबपति CEO अनुराग बाजपेई की कहानी

Anurag Bajpai US Brothel Case: मूल रूप से लखनऊ के रहने वाले अरबपति CEO अनुराग बाजपेई का नाम अमेरिका के हाई-प्रोफाइल सेक्स रैकेट से जोड़ा गया है. जानिए कैसे MIT से CEO बनने वाला शख्स स्कैंडल में फंसा.

Anurag Bajpayee, a top name in American cleantech industry, was born in Lucknow and graduated from MIT. (Image: Gradient)

यूपी तक

18 Apr 2025 (अपडेटेड: 18 Apr 2025, 07:25 PM)

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अमेरिका के मैसाचुसेट्स राज्य के कैंब्रिज शहर में चल रहे एक हाई-प्रोफाइल ब्रॉथल यानी वेश्यालय के मामले ने भारत के लखनऊ तक खलबली मचा दी है. इस वेश्यावृत्ति रैकेट में भारतीय मूल के एक बड़े कॉरपोरेट चेहरा के फंसने की खबर सार्वजनिक होते ही बवाल मच गया. वो चेहरा है अनुराग बाजपेई का. अनुराग लखनऊ में पैदा हुए हैं और अमेरिका की बड़ी वॉटर टेक्नोलॉजी कंपनी Gradiant के सीईओ हैं. हमारे सहयोगी इंडिया टुडे की वेबसाइट ने वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) के हवाले से ये विस्फोटक खुलासा किया है. आइए आपको आलीशान अय्याशी के चक्कर में अपनी प्रतिष्ठा को दांव पर लगाने वालों की इस कहानी को परत-दर-परत खोलकर बताते हैं. 

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मशहूर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के ठीक बगल में लग्जरी ब्रॉथल!

यह मामला केवल सेक्स रैकेट तक सीमित नहीं है. यह अमेरिका ही नहीं बल्कि दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक केंद्रों में से एक हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के पास चल रहे एक अल्ट्रॉ मॉडर्न "लग्जरी ब्रॉथल", उसमें जाने वाले और सर्विस की मौज उठाने वाले करोड़पति क्लाइंट्स, हाई-एंड गुप्त नेटवर्किंग और कानून की जद में आ चुके टॉप एग्जीक्यूटिव्स की कहानी है. 

यहां मिलता था 'गर्लफ्रेंड एक्सपीरियंस' वो भी 600 डॉलर प्रति घंटा के रेट पर 

इस ब्रॉथल को हैन ली नाम की एक महिला चला रही थी. हैन ली खुद भी सेक्स वर्कर रह चुकी है. उसने लग्जरी ब्रॉथल का एक नेटवर्क खड़ा किया था. वो अमेरिका के कैंब्रिज, वाटरटाउन (मैसाचुसेट्स) और टायसन व फेयरफैक्स (वर्जीनिया) जैसे इलाकों में लग्जरी अपार्टमेंट किराए पर लेकर उसमें सेक्स रैकेट चला रही थी.

मुंह उठाए सीधे चले जाएं, ऐसे नहीं मिलती थी यहां एंट्री

इन लग्जरी ब्रॉथल्स में सीधे एंट्री नहीं मिलती थी. यानी यहां सीधे ‘वॉक-इन’ क्लाइंट्स नहीं आते थे. इस जगह पर एंट्री हाई प्रोफाइल के रेफरेंस से मिलती थी. ग्राहक बनने के लिए मशहूर लोगों को भी अपनी वर्क ID, कंपनी बैज, रेफरेंस और दूसरी पर्सनल इंफॉर्मेशन शेयर करनी पड़ती थी. यहां केवल चुनिंदा लोगों को 'एंट्री' मिलती थी, और सर्विस के नाम पर मिलता था "गर्लफ्रेंड एक्सपीरियंस", जिसकी कीमत 300 से 600 डॉलर प्रति घंटा तक थी. 600 डॉलर को अगर आप रुपये में बदलेंगे तो ये तकरीबन 51 हजार रुपये होता है.  

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क्लाइंट्स की लिस्ट में डॉक्टर, वकील, बायोटेक कंपनी के सीईओ और... अनुराग बाजपेई

यह रैकेट नवंबर 2023 में उजागर हुआ और उसके बाद से ये अमेरिका में एक बड़ा मुद्दा बन गया. कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई तो इस मामले को ‘Cambridge Brothel Hearing’ के नाम से जाना जाने लगा.  अब कोर्ट में पेश दस्तावेजों में जिन नामों का खुलासा हुआ है, उनमें सबसे चर्चित नाम अनुराग बाजपेई का है. अनुराग अमेरिका की वॉटर टेक्नोलॉजी कंपनी Gradiant के संस्थापक और सीईओ हैं.  इनका कनेक्शन लखनऊ से भी है. 

कौन हैं अनुराग बाजपेयी?

अनुराग का जन्म उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ था. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा ला मार्टिनियर कॉलेज, लखनऊ से की और फिर University of Missouri–Columbia से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया. इसके बाद वह MIT (Massachusetts Institute of Technology) पहुंचे. यहां उन्होंने इंडस्ट्रियल वाटर ट्रीटमेंट पर रिसर्च की और एक “मेब्रेन-फ्री डीसालिनेशन” तकनीक विकसित की. इसे Scientific American ने “दुनिया की टॉप 10 वर्ल्ड-चेंजिंग आइडियाज़” में शामिल किया.  

2013 में उन्होंने Gradiant की स्थापना की, जो अब एक अरब डॉलर से ज्यादा वैल्यूएशन वाली कंपनी है और क्लीन वॉटर टेक्नोलॉजी की दुनिया में ग्लोबल लीडर मानी जाती है. 

स्टिंग ऑपरेशन में हुए थे अरेस्ट, नाम छिपाने के लिए कोर्ट से की थी रिक्वेस्ट

2025 की शुरुआत में हुए एक स्टिंग ऑपरेशन में अनुराग बाजपेई इस रैकेट में पकड़े गए. उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया कि उनका नाम सार्वजनिक न किया जाए, लेकिन कोर्ट ने यह मांग ठुकरा दी. कोर्ट का मानना था कि कानून सबके लिए बराबर है और इस मामले की सुनवाई सार्वजनिक होनी चाहिए. 

ब्रॉथल चलाने वाली को4 साल की जेल, करोड़ों की कमाई जब्त

ब्रॉथल की संचालनकर्ता हैन ली को कोर्ट ने प्रॉस्टीट्यूशन और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में दोषी करार देते हुए 4 साल की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने उनके 5.5 मिलियन डॉलर (करीब 45 करोड़ रुपये) की कमाई जब्त कर ली है. ली ने यह दावा किया कि उन्होंने सभी सेक्स वर्कर्स को अपनी मर्जी से काम करने की आज़ादी दी थी और उनकी कमाई का आधे से भी कम हिस्सा लिया करती थीं.

अनुराग की कंपनी Gradiant ने क्या कहा? 

Gradiant ने अनुराग बाजपेई का समर्थन करते हुए बयान जारी किया है. इसमें कहा गया है- हम न्याय व्यवस्था में विश्वास रखते हैं और उम्मीद करते हैं कि यह मामला न्यायपूर्ण तरीके से सुलझेगा. ग्रेडियंट अपनी टेक्नोलॉजी और क्लीन वॉटर के मिशन पर काम जारी रखेगा. हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पर इस मामले ने पहले ही कंपनी की साख और बाजपेई की छवि पर असर जरूर डाला है.

क्यों अहम है यह केस?

यह केस इसलिए खास है क्योंकि इसमें सेक्स वर्कर्स या ट्रैफिकिंग सिंडिकेट्स पर नहीं, बल्कि क्लाइंट्स, यानी बड़े कॉरपोरेट चेहरों और पावरफुल मर्दों पर फोकस किया गया है.  ट्रैफिकिंग सर्वाइवर और एक्टिविस्ट इवेट मोंग ने इस मामले में WSJ से कहा-  इन अमीर आदमियों के नाम उजागर होने से शायद दूसरे लोग इससे कुछ सबक लें.

इंडिया टुडे की मूल रिपोर्ट के दो लिंक नीचे दिए गए हैं. आप चाहें तो उन्हें भी पढ़ सकते हैं.

1- Inside Cambridge's elite brothel scandal that got Indian-origin CEO trapped

2- Indian-origin CEO caught in elite brothel scandal in US

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