जहां दिखेंगे वहीं गोली मार दूंगी... बलिया की प्राची यादव ने हत्यारों को लेकर किया खुला ऐलान

अनिल अकेला

• 12:52 PM • 18 Dec 2025

बलिया के आयुष यादव हत्याकांड ने तब और तूल पकड़ लिया जब मृतक की बहन प्राची यादव ने पुलिस को खुली चेतावनी दी। प्राची का आरोप है कि पुरानी रंजिश के चलते उसके भाई की हत्या की गई है. न्याय में देरी से नाराज बहन ने कहा कि अगर पुलिस ने हत्यारों को गोली नहीं मारी, तो मैं खुद उन्हें गोली मार दूंगी.

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उत्तर प्रदेश के बलिया से कुछ दिनों पहले एक बेहद सनसनीखेज मामला सामने आया था. यहां के बेल्थरा रोड पर शनिवार को आयुष यादव की उसके घर के बाहर ही गोली मारके हत्या कर दी गई थी. बता दें कि बाइक सवार हमलावरों ने आयुष पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं थी. ये गोलियां आयुष के सीने और जांघ में लगीं और इलाज के दौरान वाराणसी के ट्रॉमा सेंटर में उसकी मौत हो गई. 
 

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परिजनों के अनुसार, आयुष की हत्या पुरानी दुश्मनी की वजह से हुई है. आयुष की बहन प्राची ने बताया कि आयुष होटल मैनेजमेंट के क्षेत्र में तरक्की कर रहा था, जिससे कुछ लोग जलते थे. प्राची ने ये आरोप लगाया है है कि इससे पहले भी उसे जान से मारने की धमकियां और कोशिशें की गई थीं.
 

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आयुष की छोटी बहन प्राची ने बताया कि जब गोली चलने की आवाज सुनकर उसने दरवाजा खोला तो आयुष उसके ऊपर ही गिर पड़ा. दम तोड़ने से पहले आयुष ने खुद अपनी बहन को हमलावरों के नाम बताए थे.
 

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पीड़ित परिवार ने इस हत्याकांड का आरोप रोबिन सिंह, पवन सिंह, रोहित और राज नामक युवकों पर लगाया है. प्राची का कहना है कि उसके भाई के खिलाफ राज नाम का एक युवक पहले भी फिरौती दे चुका था. उसे 2 बार पहले भी घेरकर गोली मारने की कोशिश की गई थी. वहीं फरवरी के महीने में पवन सिंह नाम के एक युवक ने भी मारने की कोशिश की थी. 
 

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प्राची ने कहा कि 'प्रशासन सुन ले, पूरा देश सुन ले... अगर पुलिस ने हत्यारों को गोली नहीं मारी तो मैं उन्हें जहां देखूंगी वहीं गोली मारूंगी. अब कहां है योगी आदित्यनाथ का बुलडोजर? प्राची ने साफतौर भाई के हत्यों के घर पर बुलडोजर चलाने की मांग की है. 
 

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गुस्से और दुख के बीच प्राची ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा था कि अगर पुलिस ने अपराधियों को सजा नहीं दी तो वह खुद कानून हाथ में लेने को मजबूर होगी.  हालांकि, बाद में उसने प्रशासन और शासन की जांच प्रक्रिया पर भरोसा भी जताया है. 
 

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आयुष के परिजनों में इस बात को लेकर गहरा रोष है कि नामजद आरोपियों के खिलाफ अब तक कोई सख्त ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. परिवार का मानना है कि अगर पुलिस पहले की शिकायतों पर सक्रिय होती तो आज आयुष जिंदा होता. 
 

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