दादरी: मिहिर भोज की प्रतिमा का उद्घाटन करेंगे CM योगी, शुरू हो गया राजपूत Vs गुर्जर विवाद

अभिषेक आनंद

ADVERTISEMENT

UPTAK
social share
google news

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश की सभी राजनीतिक पार्टियां मतदाताओं को लुभाने में जुट गई हैं. इस बीच यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार पुराने नायकों के नाम पर यूनिवर्सिटी का शिलान्यास से लेकर प्रतिमा लगाकर वोटरों को साधने की कोशिश में लगी हुई है. सीएम योगी आदित्यनाथ 22 सितंबर को दादरी में मिहिर भोज की प्रतिमा का उद्घाटन करने वाले हैं, लेकिन इसको लेकर अब विवाद हो गया है.

राजपूत संगठनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की 9वीं सदी के शासक की प्रतिमा का उद्घाटन करने की योजना पर आंदोलन की चेतावनी दी है. दरअसल, सीएम योगी आदित्यनाथ का दादरी में मिहिर भोज की प्रतिमा का उद्घाटन करने का 22 सितंबर को कार्यक्रम प्रस्तावित है. दादरी विधायक तेजपाल नगर ने मिहिर भोज को गुर्जरों के पूर्वज होने का दावा किया था. इसपर राजपूत संगठनों ने इसे तुष्टीकरण की राजनीति करार दिया है. उनका दावा है कि मिहिर भोज क्षत्रिय समुदाय से थे, वह गुर्जर नहीं थे.

हमने सुना है कि उत्तर प्रदेश के सीएम सम्राट मिहिर भोज की एक प्रतिमा का उद्घाटन करने जा रहे हैं. सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा के उद्घाटन वह जरूर करें, लेकिन मिहिर भोज को गुर्जर समुदाय से जोड़ देना ऐतिहासिक तथ्य से तोड़ मरोड़ तो है ही, चंद वोटों के लिए ऐसा तुष्टीकरण भी बिल्कुल गलत है. पहले हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में राजपूतों को उनके वंश से बदनाम करने के लिए इस तरह के प्रयास किए गए हैं.

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष महेंद्र सिंह तंवर

सम्राट मिहिर भोज को गुर्जर-प्रतिहार सम्राट के नाम से जाना जाता था. उनकी जाति प्रतिहार थी, जो कि एक राजपूत वंश है और गुर्जर उस क्षेत्र का नाम था जहां गुजरात प्रथम की वर्तमान स्थिति थी.

राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह रघुवंशी

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

इस बीच इतिहासकार यह भी दावा करते हैं कि उन्हें मिहिर भोज के किसी गैर-राजपूत जाति के पूर्वज होने का कोई प्रमाण नहीं मिला है.

प्राचीन भारत के इतिहासकार भगवान सिंह ने कहा, “मिहिर भोज एक प्रतिहार राजपूत थे और उनके प्रत्यक्ष वंशज परिहार और मध्य और उत्तर भारत की ऐसी अन्य राजपूत जातियां हैं. अरब आक्रमणकारियों के प्राचीन ग्रंथों में युद्ध के मैदान पर उनकी वीरता का उल्लेख है क्योंकि उन्होंने बार-बार भारत पर आक्रमण करने के उनके प्रयासों का विरोध किया था.”

ADVERTISEMENT

पीएम नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर CM योगी, डिप्टी सीएम केशव मौर्य सहित इन नेताओं ने दी बधाई

ADVERTISEMENT

Main news
follow whatsapp

ADVERTISEMENT