लखनऊ: एक अप्रैल से महंगी हो जाएंगी दवाएं, जानें कितना बढ़ेगा दाम, समझें क्या होगा असर
पहले से ही महंगाई की मार झेल रही आम जनता को एक और झटका लगने वाला है. 1 अप्रैल से दवाओं के दाम में बढ़ोतरी…
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पहले से ही महंगाई की मार झेल रही आम जनता को एक और झटका लगने वाला है. 1 अप्रैल से दवाओं के दाम में बढ़ोतरी हो सकती है. जिसका सीधा असर आम जनमानस की जेब पर पड़ेगा. बता दें कि सरकार द्वारा अधिसूचित एनुअल होलसेल प्राइज इंडेक्स में वार्षिक परिवर्तन 2022 के आधार पर दवाइयों के दाम 12 फीसदी तक बढ़ाए जा सकते हैं.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के दवाई विक्रेता प्रवीण कुमार ने बताया कि डॉक्टर लोग तो महंगी दवाइयां लिखते हैं लेकिन मरीज के तीमारदार, रोगी और ग्राहक सस्ती दवाइयां ही चाहते हैं. ऐसे में वह जेनेरिक दवाइयों को एक्सेप्ट कर लेता है.
केमिस्ट प्रवीण कुमार ने बताया कि जब दवाइयां महंगी हो जाती हैं तो लोगों के हाव-भाव में भी बदलाव आ जाता है. रोजमर्रा के ग्राहक आना बंद कर देते हैं. जिस कारण हम लोगों को नुकसान उठाना पड़ता है.
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जेनेरिक दवाइयां लेने की सलाह
वहीं, मेडिकल दवाई एसोसिएशन के महामंत्री वीरेंद्र सिंह ने यूपीतक को बताया कि दवाइयां जब महंगी हो जाती हैं तो मरीज को हम लोग खुद समझाते हैं कि जेनेरिक दवाइयां लीजिए, लेकिन साथ ही साथ ग्राहकों को हम सावधान भी करते हैं कि पेटेंट और ब्रांडेड दवाइयां की अपेक्षा जेनेरिक दवाइयों में बहुत ही फर्जी दवाइयां आती हैं, जिनकी गुणवत्ता भी कम होती हैं.
महामंत्री वीरेंद्र सिंह ने आगे बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाई जा रही जन औषधि केंद्र में जो दवाइयां मिलती हैं वह बहुत ही उत्तम क्वालिटी की होती हैं. लेकिन जन औषधि के अलावा बाकी जेनेरिक दवाइयों की कोई गारंटी नहीं होती है. ऐसी दवाइयां नुकसान भी कर सकती हैं.
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‘खास फर्क नहीं पड़ सकता है’
उन्होंने बताया कि जो दवाइयों के दाम में बढ़ोतरी हो रही है उससे कुछ खास फर्क नहीं पड़ सकता है. अगर डॉक्टर दवा कोई लिखते हैं तो मरीज को उसी ब्रांड की दवा लेनी पड़ती है, क्योंकि जिंदगी और मौत का सवाल होता है. ऐसे में मरीज के पास दूसरा कोई विकल्प नहीं होता है.
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