लखीमपुर खीरी हिंसा | ‘मृतक किसानों के परिवारों को मिलेगा 45 लाख का मुआवजा और नौकरी’
लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा के बाद प्रशासन, प्रदर्शनकारी किसान संगठन और पीड़ित किसान परिवारों के बीच कुछ शर्तों पर समझौता होने…
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लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा के बाद प्रशासन, प्रदर्शनकारी किसान संगठन और पीड़ित किसान परिवारों के बीच कुछ शर्तों पर समझौता होने की खबर है. इस बारे में किसान नेता राकेश टिकैत और यूपी के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जानकारी दी है.
प्रशांत कुमार ने बताया, ”लखीमपुर खीरी में मारे गए 4 किसानों के परिवारों को सरकार 45 लाख रुपये और एक सरकारी नौकरी देगी. घायलों को 10 लाख रुपये दिए जाएंगे. किसानों की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी. हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जज मामले की जांच करेंगे.”
इसके अलावा एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) ने बताया, ”सीआरपीसी की धारा 144 लागू होने के कारण राजनीतिक दलों के नेताओं को जिले का दौरा नहीं करने दिया गया है. हालांकि, किसान संगठनों के सदस्यों को यहां आने की अनुमति है.”
वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है, ”10-11 दिन का जो समय मांगा है प्रशासन ने, अगर उसके अंदर कार्रवाई नहीं की गई तो हम पंचायत करेंगे.” उन्होंने कहा, ”हम किसानों के अंतिम संस्कार तक यहीं रहेंगे.”
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टिकैत ने कहा, ”अभी इंटरनेट नहीं चल रहा है इसलिए हमें बहुत सारे वीडियो सबूत नहीं मिले, लेकिन जैसे ही इंटरनेट चलेगा, आपके पास कोई वीडियो है तो वह हमें जरूर भेजें.”
क्या है लखीमपुर खीरी हिंसा मामला?
यूपी के लखीमपुर खीरी के तिकुनिया इलाके में रविवार को भारी हिंसा हुई. यूपी पुलिस के मुताबिक, इस हिंसा में कुल 8 लोगों की मौत हुई है. हिंसा की यह घटना तिकुनिया से 4 किलोमीटर दूर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के पैतृक गांव बनवीरपुर में आयोजित कुश्ती कार्यक्रम में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के पहुंचने से पहले हुई.
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संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक, प्रदर्शनकारी किसान केशव प्रसाद मौर्य के कार्यक्रम का शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे थे. मोर्चा ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के गाड़ियों के काफिले ने किसानों को रौंदा और फायरिंग भी की गई. बताया जा रहा है कि यह काफिला डिप्टी सीएम को रिसीव करने के लिए आ रहा था.
इस मामले में आशीष मिश्रा ने दावा किया है कि घटना के वक्त वह काफिले की गाड़ियों में मौजूद नहीं थे. इसके साथ ही आशीष ने दावा किया है, ”हमारे कार्यकर्ता डिप्टी सीएम को रिसीव करने जा रहे थे, जैसे ही वो लोग तिकुनिया से निकले, तो अपने आप को किसान कहने वालों ने आक्रमण कर दिया.”
पत्रकार, किसान, BJP कार्यकर्ता… लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए 8 लोग कौन थे?
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